5 बोरे बारूद ला उड़ा दीजिए सबको: SC
सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? इससे अच्छा है कि लोगों के एक साथ ही मार दिया जाए। 15 बोरों में बारूद ले आइए और उड़ा दीजिए सबको। लोगों को इस तरह क्यों घुटना पड़े? जिस तरह से यहां ब्लेम गेम चल रहा है, मुझे आश्चर्य है।’ कोर्ट ने जल प्रदूषण के मामले का भी संज्ञान लेते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य दोनों जांच करें कि दिल्ली का पानी पीने योग्य है या नहीं और उसके बाद सारे आंकड़ें कोर्ट के सामने पेश किए जाएं।
‘दिल्ली की हालत नरक से भी खराब’
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, ‘दिल्ली की हालत नरक से भी खराब है। आपकी नजर में किसी की जान की क्या कीमत है? आप लोगों से कितनी कीमत लेना चाहते हैं? आपको दिल्ली की कुर्सी पर रहने का अधिकार नहीं है। भारत में लोगों को जीवन इतना सस्ता नहीं है। इसकी कीमत आपको चुकानी पड़ेगी।’
‘आपसी मतभेद अलग रखें, प्रदूषण दूर करने की योजना बनाएं’
दिल्ली के चीफ सेक्रटरी ने कोर्ट से कहा, ‘दिल्ली सरकार और केंद्र दो पावर सेंटर होने की वजह से प्रशासन में दिक्कत होती है।’ कोर्ट ने कहा कि आपसी मतभेद को अलग रखें और साथ में मिलकर प्रदूषण को दूर करने की योजना बनाएं। कोर्ट ने कहा कि 10 दिन के अंदर शहर में एयर प्योरिफायर लगाने की योजना का खाका कोर्ट में पेश करें।
शीर्ष अदालत ने फैक्ट्रियों पर मांगी रिपोर्ट
प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) से दिल्ली में चल रही फैक्ट्रियों पर रिपोर्ट फाइल करने को कहा है जिसमें इसके दुष्प्रभाव का ब्यौरा दिया जाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीपीसीबी से दिल्ली की फैक्ट्रियों पर रिपोर्ट देने को कहा है।