प्रदूषण सर्टिफिकेट को भटके

चुवाड़ी – कहने को पोल्यूशन सर्टिफिकेट की औपचारिकता कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन चंबा जिला के भटियात हलके की बात की जाए तो यह हजारों गाड़ी ड्राइवरों व आमजन की दुखती रग है। भटियात में एक भी प्रदूषण जांच केंद्र न होने से हजारों ड्राइवरों को दिक्कत हो रही है। ड्राइवरों को पड़ोसी जिला कांगड़ा के जसूर, शाहपुर कस्बे या फिर चंबा के ही बनीखेत जाना पड़ता है। इससे जहां उनका बेशकीमती समय बर्बाद होता है, वहीं पैसा भी ज्यादा खर्च करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि प्रदूषण जांच की पर्ची महज 60 रुपए की होती है, जबकि जसूर आदि जाने में सात सौ रुपए खर्च आ जाता है। बात चाहे चुवाड़ी की हो या फिर लाहड़ू, ककीरा, सिहुंता व समोट आदि की हर जगह से लोगों में यह सेवा न मिल पाने के कारण सरकार व प्रशासन के खिलाफ  रोष पनपता जा रहा है। लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार आए दिन लोक लुभावन घोषणाएं करती है, लेकिन जनता के दिल से जुड़े मसले नहीं हल करती है। सरकार को जनता के मन की बात भी सुननी चाहिए। एक सूचना के अनुसार भटियात में करीब  दस हजार गाडि़यां हैं। इसमें 8600 तो एसडीएम कार्यालय में पंजीकृत हैं। भटियात में एक भी प्रदूषण जांच केंद्र न होने से हजारों ड्राइवरों को दिक्कत हो रही है। ड्राइवरों को पड़ोसी जिला कांगड़ा के जसूर, शाहपुर कस्बे या फिर चंबा के ही बनीखेत जाना पड़ता है। इसके अलावा 1600 और हैं। हिमालय बचाओ समिति के सदस्य सचिव उत्तम चंद कौशल का कहना है कि प्रदेश सरकार को लोगों की दिक्कत समझनी चाहिए। सरकार को शीघ्र इन क्षेत्रों में प्रदूषण जांच केंद्र की व्यवस्था करनी चाहिए।