बंद होगा आईआईटी मंडी में चल रहा स्कूल

मंडी –आईआईटी मंडी कमांद के कैंपस में चल रहे प्राइवेट स्कूल पर अब ताला लटकेगा। इस स्कूल को बंद करने के आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए हैं। निजी स्कूल के बंद होने से भविष्य में यहां केंद्रीय विद्यालय खुलने के आसार हैं। आईआईटी मंडी के साथ ही आठ अन्य आईआईटी व मानव संसाधन मंत्रालय को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह आदेश सुनाए हैं। आईआईटी मंडी के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी और आईआईटी गुवाहाटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. बृजेश रॉय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है। बता दें कि इन दोनों ने देश के नौ आईआईटी संस्थानों में चल रहे प्राइवेट स्कूलों को लेकर 30 अक्तूबर को दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें आईआईटी मंडी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी पार्टी बनाया गया था। इस समय आईआईटी मंडी के कैंपस में भी एक निजी स्कूल का संचालन हो रहा है। 13 नवंबर को इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सी हरिशंकर ने यह फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने 28 जुलाई, 2016 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किए गए उस सर्कुलर को आधार मानते हुए यह फैसला सुनाया, जिसके तहत आईआईटी संस्थानों में सिर्फ  केंद्रीय विद्यालयों का ही संचालन हो सकता है। पहली ही सुनवाई में मुख्य न्यायधीश ने मंत्रालय को अपने इस सर्कुलर का सही ढंग से पालन करवाने को कहा है। जनहित याचिका दायर करने वाले सुजीत स्वामी ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से देश के उन आईआईटी संस्थानों को सबक मिलेगा, जो सरकार के आदेशों की अवमानना करते हुए अपने स्तर पर नए-नए निर्णय ले रहे हैं। सुजीत स्वामी ने बताया कि आईआईटी मंडी की मनमानी से संबंधित एक जनहित याचिका हिमाचल हाई कोर्ट में भी दायर की गई है और उसमें भी स्कूल के संचालन का जिक्र किया गया है। जल्द ही इस पूरे मामले पर हिमाचल हाई कोर्ट भी अपना फैसला सुनाने जा रहा है। सुजीत स्वामी ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट में जो जनहित याचिका दायर की गई थी, उसे अधिवक्ता डा. दिनेश रत्न भारद्वाज ने निःशुल्क दायर किया और कोर्ट में उनका पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि डा. दिनेश रत्न भारद्वाज रजिस्टर सॉलिसिटर के पद पर तैनात हैं।