बच्‍चा करता है बिस्‍तर गीला तो, ऐसे करें इलाज

अगर आपके बच्चे को भी रात को बिस्तर गीला करने की प्रॉब्लम है, तो पहले आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि यह प्रॉब्लम तनाव या किसी और स्वास्थ्य प्रॉब्लम का कारण तो नहीं  है। पहले उसे दूर करने का प्रयास करें। कईं तरीके हैं जिससे नौकटर्नल एनुरेसिस को कम किया जा सकता है या रोका जा सकता है। ऐसे ही कई तरीके हैं, जिससे इस परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

बेड वीडिंग अलार्म

अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि जो बच्चे एनुरेटिक (बेड वेटिंग) अलार्म का इस्तेमाल करते हैं, उनमें से लगभग आधे बच्चे कुछ सप्ताह पश्चात रात में बिस्तर गीला नहीं करते हैं। जैसे ही बच्चे का अंडरवियर गीला होता है, अलार्म बजने लगता है। समय के साथ मस्तिष्क इस बात के लिए प्रशिक्षित हो जाता है कि अलार्म बजने पर उठ कर यूरिन पास करने के लिए जाना है। इसमें परिवार के सदस्यों को भी सक्रिय रूप से भाग लेना होता है ताकि अलार्म बजने पर बच्चे को उठाकर बाथरूम भेजें।

माता-पिता के लिए टिप्स

बच्चे को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने दें, जिसमें कैफीन, नमक और शूगर की मात्रा अधिक होती है, विशेषकर शाम के समय। अपने बच्चे को दिन के समय नियमित रूप से (प्रत्येक दो या तीन घंटे में) और बिस्तर पर जाने के ठीक पहले यूरिन पास करने के लिए प्रेरित करें। रात में एक बार बच्चे को यूरिन पास करने के लिए उठाएं, लेकिन एक बार से अधिक नहीं, क्योंकि इससे उसकी नींद खराब हो जाएगी। अगर बच्चा रात को कहीं रुक रहा है, तो किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इस प्रॉब्लम के बारे में चर्चा भी करें ताकि वो बच्चे की सहायता कर सके।

क्या वयस्क होने तक रहती है यह प्रॉब्लम

अधिकतर बच्चों में किशोरवास्था प्रारंभ होने तक या उसके पहले ही यह प्रॉब्लम अपने आप ठीक हो जाती है। सेकंडरी एनुरेसिस को इसके कारणों का पता लगाकर ठीक किया जा सकता है। अगर किशोरावस्था समाप्त होने तक भी यह प्रॉब्लम न रुके,तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। इस प्रॉब्लम के बारे में पैडियाट्रिक सर्जन से बात करने में देर न करें।