मलविंदर-शिविंदर सिंह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के दोषी 

नई दिल्ली –सुप्रीम कोर्ट ने देश की दिग्गज दवा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर भाइयों मलविंदर और शिविंदर सिंह को जापानी कंपनी दाइची सांक्यो केस में कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है। सजा पर फैसला बाद में दिया जाएगा। दवा बनाने वाली दाइची सांक्यो ने 3500 करोड़ रुपए नहीं चुकाने पर सिंह बंधुओं के खिलाफ  सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस हेल्थकेयर में अपने शेयर बेचकर उसके आदेश का उल्लंघन किया है। सिंगापुर की ट्रिब्यूनल ने 2016 में सिंह बंधुओं को कहा था कि वह दाइची को 3500 करोड़ रुपए दें। दाइची ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वह सिंह बंधुओं से ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करवाए। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं। पीठ ने कहा कि सिंह बंधुओं ने उसके पहले के उस आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्हें फोर्टिस समूह के अपने नियंत्रण वाले शेयरों की बिक्री मलेशियाई कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर को नहीं करने के लिए कहा गया था। न्यायालय ने कहा कि वे सजा के सवाल पर सिंह बंधुओं को बाद में सुनेंगे। जापानी फर्म ने सिंह बंधुओं के खिलाफ  न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पक्ष में दिया गया पंचाट का फैसला संकट में पड़ गया है, क्योंकि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस समूह में अपने नियंत्रण वाले अपने शेयर मलेशिया की कंपनी को बेच दिए हैं।