महासंघ मनाएगा स्थापना दिवस

 शिमला में अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं संघ का सम्मेलन 20 नवंबर को

शिमला –अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ का 53वां स्थापना दिवस 20 नवंबर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में प्रातः 11.00 बजे मनाया जाएगा। इसमें सभी संघों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। महासंघ का यह स्थापना दिवस सादे समारोह के तौर पर मनाया जाएगा, जिसमें महासंघ के पूर्व में रहे प्रतिष्ठित कर्मचारी नेताओं को उनके संघर्ष और बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि आर्पित की जाएगी। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ की नाहन में नींव रखी गई थी, जिसके 53 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान महासंघ ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1980 में प्रदेश में 35 दिन की हड़ताल जो स्वर्गीय मधुकर के नेतृत्व में हुई और उसमें 4 कर्मचारियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा था। यह हड़ताल उस राजनीतिक षड्यंत्र के विरूद्ध थी, जिसमें महासंघ को सरकार ने तोड़ने का काम किया था। उन्होंने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में भी यही परिस्थितियां हैं कि कर्मचारी नेता अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि मान्यता के नाम पर वसूले गए चंदे का कोई हिसाब ही नहीं है। महासंघ के नाम पर जो लोग अपने हितों को साधने में लगे हुए हैं, उनके विरूद्ध इस अवसर पर निंदा प्रस्ताव भी पास किया जाएगा।

कर्मचारियों के लिए गठित की गई जेसीसी

1979 में पूरे प्रदेश में स्व. मधुकर के नेतृत्व में फिर एक दिन की हड़ताल हुई, जिसका परिणाम यह रहा कि उस समय की शांता कुमार की सरकार ने कर्मचारियों और सरकार के बीच हर गतिरोध को दूर करने के लिए संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) गठित की थी, परंतु दुर्भाग्यवश एक समय के बाद महासंघ का नेतृत्व राजनेताओं की कठपुतली बनकर भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर रह गया और जेसीसी के वास्तविक उद्देश्य को बनाए रखने में असफल होता गया।