रिटायर हुए सीजेआई रंजन गोगोई

रिटायरमेंट से पहले तिरुमाला के पास वेंकटेश्वर मंदिर में पत्नी संग की पूजा-अर्चना, शुक्रवार को था कामकाज का आखिरी दिन

 नई दिल्ली –जस्टिस रंजन गोगोई रविवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो गए। देश के पूर्वोत्तर राज्य से आने वाले वह पहले सीजेआई थे। उन्होंने कई मुख्य मुद्दों पर फैसले दिए, जिनमें अयोध्या रामजन्मभूमि मामला, असम एनआरसी, राफेल, सीजेआई आफिस आरटीआई के दायरे में जैसे मुद्दे शामिल हैं। गोगोई ने अपने रिटायरमेंट से पहले रविवार सुबह तिरुमाला के पास भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि गोगोई और उनकी पत्नी रूपांजलि गोगोई ने भोर में मशहूर पर्वतीय मंदिर में पूजा की। रविवार को मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे गोगोई और उनकी पत्नी का मंदिर के मुख्य पुजारियों ने पारंपरिक रूप से स्वागत किया। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की देखरेख वाले मंदिर में पूजा करने के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जस्टिस शरद अरविंद बोबडे होंगे देश के 47वें प्रधान न्यायाधीश गोगोई के कामकाज का शुक्रवार को आखिरी दिन था और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक नंबर अदालत में उस दिन करीब चार मिनट ही बिताए। सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की संस्था ने उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी हाई कोर्ट और डिस्ट्रिक्ट एवं तालुका अदालतों के न्यायाधीशों के साथ बातचीत की। बता दें गोगोई के बाद जस्टिस शरद अरविंद बोबडे देश के 47वें प्रधान न्यायाधीश होंगे।

साढ़े 13 माह के कार्यकाल के दौरान विवादों में भी रहे

गोगोई अपने साढ़े 13 महीनों के कार्यकाल के दौरान कई विवादों में भी रहे और उन पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप भी लगे, लेकिन उन्होंने उन्हें कभी भी अपने काम पर हावी नहीं होने दिया। इसकी झलक बीते कुछ दिनों में देखने को मिली, जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने कुछ ऐतिहासिक फैसले दिए। उनकी अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने नौ नवंबर को अयोध्या भूमि विवाद में फैसला सुनाकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया। यह मामला 1950 में सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने के दशकों पहले से चला आ रहा था। हालांकि उन्हें इस वजह से भी याद रखा जाएगा, क्योंकि वह जजों के उस समूह के सबसे वरिष्ठ जज थे, जिन्होंने पिछले साल जनवरी में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के काम के तरीके पर सवाल उठाया था और उनके खिलाफ प्रेस कान्फ्रेंस की थी।