विधानसभा में वीरभद्र ‘राजा’

शीत सत्र के स्थगित सवाल में राजा की संज्ञा से हुआ पूर्व मुख्यमंत्री का ज़िक्र

शिमला – कांग्रेस कल्चर में भले ही पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को राजा शब्द को तरजीह दी जाती है, लेकिन प्रदेश विधानसभा में भी वीरभद्र सिंह ‘राजा’ से जाने जा रहे हैं। ई-विधान प्रणाली में जारी एक महत्त्वपूर्ण अधिसूचना में ऐसा जिक्र किया गया है। विधानसभा की ई-विधान प्रणाली से 23 नवंबर को जारी एक अधिसूचना, जिसमें विधानसभा शीत सत्र के दौरान वीरभद्र सिंह द्वारा पूछे जाने वाले अतारांकित सवाल में राजा वीरभद्र सिंह छपा हुआ है। लोकतंत्र में राजा और रानी शब्द का जिक्र नहीं होता है, लेकिन प्रदेश विधानसभा की ई-विधान की चूक से वीरभद्र सिंह को राजा लिख दिया। विधानसभा शीत सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री एवं अर्की के विधायक वीरभद्र सिंह का यह सवाल पिछली बार का है, जो स्थगित हुआ और इसे शीत सत्र में 13 दिसंबर को पूछा जाना है। वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार से कार्यालय के स्थानांतरण से संबंधित सवाल किए हैं। इसी तरह से विधानसभा शीत सत्र के दौरान पुराने सवाल फिर से जिंदा होंगे। विधानसभा ई-विधान प्रणाली द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 11 अतारांकित स्थगित और 25 तारांकित स्थगित सवाल वेबसाइट पर डाल दिए हैं, जो धर्मशाला के तपोवन में पूछे जाने हैं। हालांकि अतारांकित सवालों का जवाब लिखित रूप में दिया जाता है, लेकिन 25 तारांकित स्थगित सवाल इस बार सदन में गूंजेंगे। स्थगित स्वालों की सूची में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक भी शामिल हैं।