विश्व दूरदर्शन दिवस

विश्व दूरदर्शन दिवस प्रत्येक वर्ष 21 नवंबर, को मनाया जाता है। दूरदर्शन (टेलीविजन) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1996 में इस दिवस को मनाए जाने पुष्टि की गई थी। यह विभिन्न प्रमुख आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे विश्व के ज्ञान में वृद्धि करने में मदद करता है। वर्तमान में यह मीडिया की सबसे प्रमुख ताकत के रूप में उभरा है। यूनेस्को ने टेलीविजन को संचार और सूचना के एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में पहचाना है। साथ ही यह भी माना है कि इस माध्यम ने व्यापक स्तर पर लोगों के बीच ज्ञान के प्रवाहमान को बरकरार रखा है।

दूरदर्शन का महत्त्व

टेलीविजन के आविष्कार ने सूचना के क्षेत्र में एक क्रांति का आगाज किया था। दूसरी क्रांति का आगमन उस समय हुआ, जब वैश्विक स्तर पर टेलीविजन के महत्व के बारे में लोगों को पता चला और लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया। चूंकि मिडिया ने वर्तमान में हमारे जीवन में इतना अधिक हस्तक्षेप कर दिया है कि हमें इसके महत्व के बारे में काफी जानकारी नहीं मिल पाती। वर्तमान में हम इसके महत्व को नकार नहीं सकते।

दैनिक जीवन पर प्रभाव

वर्तमान समाज में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार के इस्तेमाल ने हमारी निर्भरता को मनोरंजन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, व्यक्तिगत संबंधों, यात्रा आदि के संदर्भ में इस पर निर्भर बना दिया है, जिसकी वजह से आज हम इसके गुलाम जैसे हो गए हैं। हम पूरी तरह से कह सकते हैं कि वर्तमान में सूचना तकनीकी ने पूरे विश्व को अपने हाथों में नियंत्रित कर लिया है। वर्तमान में टेलीविजन से जुदा हर नया अनुभव जीवन को उत्तेजित करता है। यह जीवन को कई संदर्भो में, जैसे ःशिक्षा, मनोरंजन, स्वास्थ्य आदि कई क्षेत्रों में शिक्षित करता है। विशेष रूप से युवाओं के बीच यह काफी प्रभावशाली है। इस संदर्भ में यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह उनके मध्य कुछ समय बाद नई मूल्य प्रणाली का विकास करेगा। नई सूचना के बारे में जानकारी, नई प्रतिभाओं का विकास संस्कृति का भूमंडलीकरण इत्यादि। विश्व के ऊपर दूरदर्शन के प्रभाव को देखते हुए ही इस दिन की महत्ता का प्रभाव बढ़ा है और इसे विश्व दूरदर्शन दिवस के रूप में मनाया जाता है। दूरदर्शन को जनता को प्रभावित करने में एक प्रमुख साधन के रूप में स्वीकार किया गया है। दुनिया की राजनीति के ऊपर इसके प्रभाव और इसकी उपस्थिति को किसी भी रूप में इनकार नहीं किया जा सकता है। वर्तमान में यह मनोरंजन और ज्ञान का सबसे बड़ा स्रोत हो चुका हो, लेकिन साथ में यह भी माना जा रहा है कि इसके नकारात्मक प्रभाव भी दृष्टिगत हो रहे हैं। इसके नकारात्मक प्रभाव को रोकने और गलत संस्कृति पर रोक लगाने के लिए इसके ऊपर कुछ कानूनी प्रतिबंध भी आरोपित किए जाने चाहिए।