सरकाघाट प्रकरण….. और देवता का नाम लेकर महिला पर थूकने लगा सारा गांव

 

समाहल गांव से ही एक और पीडि़ता आई सामने; बोली, देवता के नाम पर पुजारिन ने लोगों से उसे भी पिटवाया

मंडी –मंडी जिला के सरकाघाट के बड़ा समाहल गांव में बुजुर्ग महिला के साथ अमानवीय बर्ताव के मामले के बाद अब एक और पीडि़त बुजुर्ग महिला सामने आई है। पीडि़त महिला कृष्णी देवी पर भी जादू टोना करने के आरोप लगाए गए थे- इसी के साथ देवता की कथित पुजारिन ने पूरे गांव को कृष्णी देवी पर थूकने के आदेश दे दिए थे। यही नहीं, उसे मारा-पीटा भी गया और उसके घर का सामान जला दिया गया। कृष्णी देवी ने शुक्रवार को मंडी मुख्यालय में समाजसेवी संजय शर्मा के साथ मीडिया के सामने आकर आपबीती सुनाई। कृष्णी देवी का कहना है कि यह देवता के नाम पर आदेश सुनाने का सिलसिला करवाचौथ के दिन से शुरू और उसे कथित पुजारिन ने देवता का आदेश सुनाकर पूरे गांव को उस पर थूकने के लिए कहा। निशा नाम की इस पुजारिन ने लोगों से कहा कि यह महिला टोने-टोटके करती है। उस दिन देवता की ओर से सजा सुनाते हुए देवता के कथित कारकूनों ने मारपीट भी की और उसके घर का  सामान यह कह कर जला डाला कि वहां तंत्र-मंत्र किया जाता है। इस वाकया के बाद महिला लोकलाज के चलते घर और गांव छोड़कर अपने रिश्तेदार के घर पिंगला आ गई थली। महिला का कहना है कि वह अकेली रहती हैं, इसलिए उसे निशाना बनाया गया। इतने दिन वह घर से बाहर  भी नहीं निकल पाई हैं। कृष्णी देवी ने कहा कि गांव में और भी कई लोग हैं, जिनके घर को पुजारिन ने तंत्र-मंत्र करने की जगह बताकर वहां तोड़फोड़ की। वहीं, इस मौके समाजसेवी संजय शर्मा ने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कर गांव को मुख्य धारा में लाने का प्रयास होना चाहिए।

बीमार पुजारिन एक महीने में होगी ठीक

महिला कृष्णी ने कहा कि इतना सब कुछ होने के बाद वह यह आदेश सुनाने वाले देवता माहूनाग के मूल स्थान चचोट के तरोर गांव गई और वहां अपनी व्यथा सुनाई। इसके बाद देवता मूल माहूनाग ने अपने पुजारी के माध्यम से कहा कि यह पुजारिन बीमार है और इसका एक माह में इलाज हो जाएगा। इसके बाद बुजुर्ग कृष्णी देवी अपने गांव लौट आई।

 

लोगों ने डर के मारे घटना को दिया था अंजाम

कृष्णी देवी का कहना है कि छह नवंबर को ऐसे ही आदेशों के चलते राजदेई नाम की महिला को निशाना बना गया। कथित पुजारिन ने डायन बताकर जूतों की माला और मुंह काला कर गांव में घुमाने के आदेश दिए। इसके बाद लोगों ने डर के मारे आदेश मानकर इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया।

दूसरा केस करने वाले की भी हुई थी पिटाई

देवता समिति व ग्रामीणों पर दूसरा मुकदमा दर्ज करवाने वाले जय गोपाल ने बताया कि उसे भी छह नवंबर को सुबह पीटा गया था। सात नवंबर को उसकी शिकायत पर सरकाघाट पुलिस मौके पर आई, लेकिन देवता के आदेश बता कर उसे पुलिस के सामने भी पीटा गया। पुलिस ने उनका समझौता भी करवाया, लेकिन इसके बाद भी उसे पीटा गया।

 समय रहते कार्रवाई होती, तो नहीं होती समाहल की घटना

सरकाघाट –क्षेत्र के बड़ा समाहल गांव बुजुर्ग महिला के साथ हुई घटना को आरोपियों के परिजनों ने पुलिस की गलती ठहराया है। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो यह घटना नहीं होती। इन लोगों ने बताया कि पुलिस को घटना से पहले भी शिकायतकर्ता ने अवगत करवाया था, मगर उस समय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बात का जिक्र एफआईआर में स्वयं शिकायतकर्ता ने किया है। बाद में जब सरकार और जनता को दबाव पड़ा तो पुलिस ने आनन-फानन में उन लोगों को भी जेल में डाल दिया, जो घटना के  समय मौजूद नहीं थे। बिलासपुर के कजैल का मनोज कुमार, पट्टा गांव का कश्मीर सिंह और बड़ा समाहल का राजेंद्र सिंह भी घटना वाले दिन मौके पर मौजूद नहीं थे, मगर उनको भी सजा काटनी पड़ रही है। आरोपियों के परिजनों ने सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है।