सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब आरटीआई के दायरे में आएगा चीफ जस्टिस ऑफिस

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया. अब मुख्य न्यायाधीश (CJI) का ऑफिस भी सूचना के अधिकार यानी RTI के तहत आएगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कुछ नियम भी जारी किए हैं. फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है, इसके तहत ये RTI के तहत आएगा. हालांकि, इस दौरान दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी.चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जे. खन्ना, जस्टिस गुप्ता, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस रम्मना वाली पीठ ने गुरुवार को इस फैसले को पढ़ा. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 124 के तहत इस फैसले को लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा 2010 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है.जस्टिस संजीव खन्ना के द्वारा लिखे फैसले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता ने सहमति जताई. हालांकिजस्टिस रमन्ना और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ मुद्दों पर अपनी अलग राय व्यक्त की.सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कोलेजियम के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाला जाएगा. फैसला पढ़ते हुए जस्टिस रम्मना ने कहा कि RTI का इस्तेमाल जासूसी के साधन के रूप में नहीं किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर इस फैसले को सुनाया है. इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.