हफ्ते की हस्तियां

बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिमांक्षी ने जीता ब्रांज मेडल

दिल्ली दिल्ली में में हुई अंडर-19 स्कूल गेम्स की बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल व खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल जीतकर  प्रदेश का नाम देश भर में चमका दिया है।  सोलन की हिमांक्षी का चयन खेलो इंडिया में इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए हुआ है। दोनों स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन के बाद सोमवार को हिमांक्षी विद्यालय पहुंचीं, जहां पर प्रधानाचार्य, स्टाफ और सभी विद्यार्थियों ने उसका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान विद्यालय की प्रधानाचार्य अनिता कौशल ने हिमांक्षी को प्रार्थना सभा में पुरस्कृत किया। हिमांक्षी सोलन के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जमा एक की छात्रा हैं। हिमांक्षी ने ‘दिव्य हिमाचल’ से खास बातचीत में बताया कि वह बचपन से ही बॉक्सिंग खेलना चाहती हैं और वह इसकी रोजाना प्रैक्टिस करती हैं। हिमांक्षी के पिता मनोज कुमार एक कंपनी में एचआर पद पर तैनात हैं, जबकि माता निर्मल देवी गृहिणी हैं।

बीडीसी अध्यक्ष ओपी गौतम को राष्ट्रीय पुरस्कार

बिलासपुर बीडीसी (पंचायत समिति सदस्य) के अध्यक्ष एडवोकेट ओपी गौतम को इस साल केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार पंचायतीराज दीनदयाल उपाध्याय से नवाजा है। यह पुरस्कार उन्हें पिछले दिनों नई दिल्ली किसान भवन में आयोजित समारोह में मुख्यातिथि के रूप मंे पधारे ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कर कमलों से मिला। सदर में विकास कार्यों के लिए ओपी गौतम को इनाम स्वरूप 25 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। ग्राम पंचायतों को जारी बजट का समयबद्ध सदुपयोग करने के साथ-साथ बेहतर कार्यों के लिए बीडीसी सदर का पुरस्कार के लिए चयन हुआ।

लक्ष्य सेन ने जीता पहला स्कॉटिश ओपन टूर्नामेंट

18 साल के लक्ष्य सेन ने सोमवार को अपना पहला स्कॉटिश ओपन टूर्नामेंट जीत लिया। फाइनल में उन्होंने ब्राजील के यगोर कोएल्हो को 18-21, 21-18, 21-19 से हराया। मैच 56 मिनट में ही खत्म हो गया। तीन महीनों में उन्होंने चौथा टूर्नामेंट जीता है। लक्ष्य स्कॉटिश ओपन जीतने वाले चौथे खिलाड़ी हैं। सात साल पहले भारत के आनंद पवार ने यह टूर्नामेंट जीता था। लक्ष्य से पहले आनंद पवार ने इस टर्ू्नामेंट को दो बार (2010 और 2012 में) जीता। अरविंद भट्ट (2004) और पुलेला गोपीचंद (1999) ये टूर्नामेंट जीत चुके हैं। लक्ष्य इस जीत के साथ बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में टॉप-40 में जगह बना लेंगे और टॉप ग्रेड-2 टूर्नामेंट में सीधे एंट्री करने के एक कदम और करीब पहुंच जाएंगे।  उत्तराखंड के 18 साल के इस खिलाड़ी ने सितंबर से लेकर अब तक चार टूर्नामेंट खेले हैं। इनमें उन्होंने सारलोरलक्स और डच ओपन के साथ बेल्जियन इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीता।