हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष के काम से खुश नहीं केद्र

हार का ठीकरा भी प्रदेश के कई नेताओं पर फोड़ा जा रहा, कुर्सी के लिए लॉबिंग तेज

पंचकूला –हरियाणा में बीजेपी को उम्मीद से काफी कम सीटें मिलने के बाद अब भाजपा हरियाणा के संगठन में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष के कामकाज से ज्यादा खुश नहीं हैं। वहीं, हार का ठीकरा भी प्रदेश के कई नेताओं पर फोड़ा जा रहा है, हालांकि नेता खुद ही दूसरे कारणों को अपनी हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं, अब बराला को हटा कर क्या भाजपा किसी हारे घोड़े पर ही दांव लगाएगी।  अब बीजेपी में संगठन में बदलाव को लेकर सियासत तेज हो गई है, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भी लॉबिंग शुरू हो गई है। हालांकि पिछले पांच सालों तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की खूम जमी, लेकिन अब चुनाव के बाद इस जोड़ी के टूटने के आसार नजर आने लगे हैं। अब बीजेपी में बदलाव के संकेत दिए जा रहे हैं। अब भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अलग-अलग नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है। वहीं ,अलग-अलग तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। भाजपा में पिछले चार साल से जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन अब एक बार फिर भाजपा जाट और नॉन जाट दोनों ही तरह से प्रदेश अध्यक्ष को लेकर विचार कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए लॉबिंग में कंवरपाल गुर्जर, नायब सैनी, कृष्ण बेदी, ओपी धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, रामबिलास शर्मा, डॉण् अरविंद शर्मा, राजीव जैन, अरविंद यादव व वीरकुमार यादव आदि के नाम चल रहे हैं। ऐसे में इन नेताओं में से किसी को हरियाणा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी जा सकती है।