हिमाचल की भूमि में श्रीराम का नाम

शिमला  – हिमाचल की भूमि में राम के  नाम की खूब गूंज है। देवी-देवताआें की इस धरती में नौ बड़े राम मंदिर स्थापित हैं, जो वर्षों पुराने तो बनाए गए हैं, लेकिन उनका इतिहास किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसमें प्रदेश सरकार के अधिग्रहण में दो ही मंदिर शामिल हैं, लेकिन बाकी सात मंदिरों का इतिहास काफी चर्चित है। भाषा संस्कृति विभाग के तहत जो मंदिर अधिग्रहण में शामिल किए हैं, इसमें एक डमटाल नूरपुर में रामगोपाल मंदिर स्थापित है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अधिग्रहण में शामिल मंदिरों में से रामगोपाल मंदिर काफी अमीर मंदिरों में भी शामिल है। वहीं रामपुर स्थित दूसरा मंदिर श्री आयोध्यानाथ मंदिर सरकार के अधीन है। वहीं बाकी मंदिर जो सरकारी अधिग्रहण में नहीं हैं, उनका इतिहास भी काफी मजबूत है। इनमें गुलेर कांगड़ा में रामचंद्र मंदिर शामिल है। जयसिंहपुर कांगड़ा में जानकीनाथ मंदिर का नाम शामिल है। चंबा में भी रघुनाथ मंदिर का इतिहास काफी चर्चित है और लंबागांव कांगड़ा के बीजापुर में सीताराम मंदिर स्थापित है। कुल्लू में रघुनाथ मंदिर का इतिहास भी काफी गहन है। वहीं शिमला का राम मंदिर सूद सभा के तहत बनाया गया है। सोलन में स्थापित रामलोक मंदिर भी प्रदेश के पुराने मंदिर में शामिल है। हालांकि प्रदेश में ये नौ मंदिर वर्षों पुराने इतिहास के गवाह हैं, लेकिन प्रदेश में दो सौ छोटे मंदिर भी हैं, जो सीताराम के हैं। ये मंदिर अधिकतर निजी स्तर पर बनाए गए हैं। वहीं हिमाचल में श्रीराम शरणम की स्थापना भी हुई है, जिसे केवल बेदी महाराज चला रहे थे, अब अश्वनी बेदी महाराज चला रहे हैं, जिसमें शिमला पुराने बस स्टैंड में श्रीराम शरणम की स्थापना हुई है। प्रदेश में श्रीराम शरणम के तहत सत्संग वर्ष 1985 में शुरू हो गए थे। वहीं प्रदेश के हर जिले में श्रीराम शरणम बने हैं।

भाषा संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक त्रिलोक सूर्यवंशी का कहना है कि प्रदेश में राम मंदिरों में से मात्र एक राम मंदिर है, जो अधिग्रहण में है। यह अमीर मंदिरों में भी शुमार है।

भाषा अकादमी के सचिव डा. कर्म सिंह का कहना है कि प्रदेश में स्थापित कई ऐसे राम मंदिर हैं, जो पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि इनका इतिहास किसी चमत्कार से कम नहीं हैं, जिसमें कुल्ल्लू का रघुनाथ मंदिर मुख्य है।

श्रीराम शरणम से अश्वनी महाराज ने कहा कि प्रदेश में श्रीराम शरणम का मुख्य स्थल शिमला में है। प्रदेश के हर जिले में श्रीराम शरणम बने हैं।