12 हजार टीचर वेब पोर्टल से बाहर

प्रदेश भर के पीटीए; पैट, पैरा शिक्षकों का सरकार के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम में नहीं चढ़ेगा रिकार्ड

शिमला – प्रदेश सरकार के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (पीएमआईएस) पोर्टल से राज्य के बारह हजार पीटीए, पैट, पैरा शिक्षक बाहर हो गए हैं। अब इन शिक्षिकों का रिकार्ड शिक्षा विभाग तब तक ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं चढ़ा पाएगा, जब तक कि  इनके लिए कोई नियम तय नहीं हो जाता है। दरअसल प्रदेश के 12 हजार पीटीए, पैट, पैरा अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन शिक्षिकों को अस्थायी तौर पर गेप अरेंजमेंट के तहत नियुक्ति दी गई थी। इन शिक्षिकों को रेगुलर किया जाना है या नहीं, यह साफ नहीं हो पा रहा है। इन शिक्षिकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में चला हुआ है। ऐसे में शिक्षा विभाग को भी अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार है। तभी इन शिक्षिकों का रिकोर्ड ऑनलाइन पीएमआईएस पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा। ऐसे में साफ है कि अब जब तक पीटीए, पैरा, पैट के 12 हजार शिक्षिकों को शिक्षा विभाग के अंतर्गत नहीं लाया जाएगा, तब सरकार के पीएमआईएस पोर्टल पर इनका किसी भी प्रकार का रिकार्ड ऑनलाइन नहीं देखा जा सकता। बता दें कि पीएमआईएस यानी कि मानव संपदा पोर्टल के तहत प्रोग्राम मैनेजमेंट सिस्टम पर सरकार ने शिक्षा विभाग के साथ अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों का रिकार्ड ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग ने भी लगभग प्रदेश के 60 हजार के करीब शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन इस पोर्टल पर डाल दिया है। जल्द ही सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद सरकार को शिक्षा विभाग पीएमआईएस पोर्टल में शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन करने के बाद रिपोर्ट सौंप देगा। हालांकि शिक्षा विभाग ने यह तर्क दिया है कि अगर इन शिक्षकों को रेगुलर करने व शिक्षा विभाग के अंर्तगत ही लाया जाता है, तो ऐसे में बाद में इन्हें पीएमआईएस के अंतर्गत लाया जाएगा। फिलहाल शिक्षा विभाग पीएमआईएस पोर्टल में रेगुलर शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन करने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि विभाग जिला उपनिदेशक स्कूल वाइज स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी करेगा। वहीं अभी तक ऑनलाइन डाटा न चढ़ाने के मामले पर जवाब-तलब किया जाएगा।

ऑनलाइन होंगे शिक्षकों के तबादले

पीआईएमएस पोर्टल पर शिक्षकों का ऑनलाइन डाटा चढ़ने के बाद  अब ट्रासंफर भी ऑनलाइन होगी। यानी कि शिक्षकों का ऑनलाइन डाटा चढ़ने के बाद यह आसानी से पता लगाया जा सकेंगा कि पहुंच के आधार पर अभी तक कितने शिक्षक एक ही स्कूल में दस से बारह साल से डटे हुए है।