अंतरिक्ष में लगी भारत की दूसरी आंख

इसरो ने भारत के रीसैट-2बीआर1 सहित चार देशों के सेटेलाइट किए लांच

श्रीहरिकोटा  – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने पीएसएलवी के 50वें मिशन के तहत पीएसएलवी-सी48 से बुधवार को भारतीय उपग्रह रीसैट-2बीआर1 और चार अन्य देशों के नौ सेटेलाइट लांच किए। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी 48 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। रीसैट-2बीआर1 राडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट है। यह बादलों और अंधेरे में भी साफ  तस्वीरें ले सकता है। अर्थ इमेजिंग कैमरे और राडार तकनीक के चलते यह मुठभेड़-घुसपैठ के वक्त सेना के लिए मददगार होगा। रीसैट-2बीआर1 और चार अन्य देशों के नौ सेटेलाइट सफलतापूर्वक अपने संबंधित कक्षा में स्थापित कर दिए गए हैं। गौर हो कि कुछ दिन पहले ही इसरो ने धरती की निगरानी और मैपिंग के लिए सेटलाइट कार्टोसेट-3 लांच किया था। रीसैट-2बीआर1 का वजन 628 किलो है। इसे 37 डिग्री के ऐंगल पर 576 किलोमीटर के ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया जाने का लक्ष्य है। इस सेटेलाइट का काम देश की सीमाओं की और पैनी निगरानी करना होगा। इसरो ने बताया है कि इसके अलावा यह सेटेलाइट आपदा प्रबंधन, खेती और जंगलों पर भी ध्यान देगा।

सुरक्षा एजेंसियों को चार रीसेट की जरूरत

सुरक्षा एजेंसियों को एक दिन में किसी एक स्थान पर सतत निगरानी के लिए अंतरिक्ष में कम से कम चार रीसैट की जरूरत है। किसी एनकाउंटर या घुसपैठ के समय ये चारों सेटेलाइट उपयोगी होंगे। इसरो रीसैट सीरीज के तीसरे उपग्रह रीसैट-2बीआर2 की लांचिंग भी इसी महीने करेगा। इसके बाद एक और सेटेलाइट लांच होगा। हालांकि, इनकी तारीख अभी तय नहीं है।