अब टीचर भर्ती में रोड़ा बना रूसा

मेडिकल; आर्ट्स और नॉन मेडिकल शिक्षकों के पदों की भर्तियां रुकीं; मैच नहीं हो रहे छात्रों के विषय, पूरे नहीं कर पाए आर एंड पी रूल्ज

शिमला –राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान अब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियों में भी रोड़ा बन गया है। हैरानी की बात है कि हिमाचल प्रदेश सिलेक्शन बोर्ड ने नए टीजीटी के मेडिकल, नॉन मेडिकल और आर्ट्स के पदों को भरने पर रोक लगा दी है, जिसकी वजह सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन है। बताया जा रहा है कि रूसा के तहत छात्रों ने जो विषय पढ़े हैं, वे शिक्षक बनने के लिए आर एंड पी रूल्ज पूरा नहीं कर पाए हैं। जानकारी मिली है कि सरकारी स्कूलोें में शिक्षा विभाग को मेडिकल, नॉन मेडिकल और आर्ट्स के विषयों में भर्तियां करने में ज्यादा समस्या पेश आ रही है। या यूं कहें कि अब शिक्षा विभाग व सिलेक्शन बोर्ड ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसी वजह से अब जब तक सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन को लेकर कोई समाधान नहीं निकलेगा, फिलहाल टीजीटी मेडिकल, नॉन मेडिकल और आर्ट्स के पद भरने पर संशय बरकरार है। हालांकि शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्राचार किया है। पत्राचार के माध्यम से शिक्षा विभाग ने एचपीयू प्रशासन से आह्वान किया है कि वह जल्द इक्वीलेंस कमेटी की बैठक बुलाए, ताकि रूसा के तहत सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन की समस्या का समाधान निकाला जा सके। बता दें कि जिन छात्रों ने रूसा के तहत गे्रजुएशन की है, वे शिक्षक बनने के लिए वर्ष 2012 में बनाए गए आर एंड पी रूल्ज को पूरा नहीं करते हैं। यह समस्या पेश आ सकती है, प्रदेश सरकार को पहले से ही जानकारी दी थी। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने अगस्त, 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान रूसा के सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन को लेकर इक्वीलेंस कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भी सदस्य बनाया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने एचपीयू को इस मसले पर जल्द बैठक करने के लिए समय तय करने को कहा है। अगर यह बैठक जल्द नहीं हो पाती है, तो शिक्षक भर्ती पर एक बड़ा संकट आ सकता है। शिक्षा विभाग एचपीयू के साथ सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान टीजीटी मेडिकल, नॉन मेडिकल और आर्ट्स के लिए कौन-कौन से सब्जेक्ट जरूरी हैं, यह तय किया जाएगा। वर्ष 2013 में लागू हुए रूसा ने पहले छात्रों को विषय चयन को लेकर परेशान किया। वहीं उसके बाद रिजल्ट में खामियां और अब सबसे बड़ा खतरा स्कूलों में शिक्षक भर्ती पर पैदा हो गया है। फिलहाल हमीरपुर सिलेक्शन बोर्ड ने टीजीटी भर्ती पर शिक्षा विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है, उसके बाद ही नई भर्तियां निकाली जाएंगी।