अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून में बदलाव के दिए संकेत, कहा- समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं

गिरिडीह/बाघमारा/देवघर
नागरिकता संशोधन कानून पर सियासी बवाल और इसको लेकर पूर्वोत्तर के कुछ सीएम की अपील के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसमें कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। झारखंड के गिरिडीह में चुनावी रैली के दौरान शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मुझसे (कानून में) कुछ बदलाव करने को कहा है। मैंने उन्हें (संगमा) क्रिसमस के बाद मिलने के लिए कहा है। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह समर्पित हैं। शाह का नागरिकता कानून पर यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (6 राज्य) पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे अपने राज्यों में नागरिकता कानून को नहीं लागू करेंगे।

कांग्रेस पर खूब बरसे अमित शाह
इधर, गिरिडीह, बाघमारा और देवघर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाओं में अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस पर नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप भी लगाया। शाह ने कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन अधिनियम लेकर आए हैं और कांग्रेस को पेट दर्द होने लगा है। वह उसके खिलाफ हिंसा भड़का रही है।’ शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे।

‘राहुल गांधी बस शोर मचा रहे हैं’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा। नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।’