218 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन को योगी कैबिनेट में मिली मंजूरी, 144 में सुने जाएंगे सिर्फ रेप के मामले

उन्नाव जिले में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाए जाने, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आई घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में सोमवार को 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बता दें कि 218 में से 144 कोर्ट में रेप मामलों की ही सुनवाई होगी। इससे मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी। इससे तकरीबन 16,350 लाख रुपये प्रतिवर्ष का वित्तीय भार पड़ेगा। प्रत्येक न्यायालय पर 75 लाख रुपये प्रति वर्ष खर्च किए जाने की बात कही गई है।

बता दें कि उन्नाव में गैंगरेप के बाद पीड़िता को जिंदा जला दिया गया था। इसके बाद पीड़िता ने शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पीड़िता की मौत के बाद सभी विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत राज्य की योगी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया। आनन-फानन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराए जाने के निर्देश दिए गए थे।

यूपी के अलग-अलग हिस्सों में वारदातें
हाल ही में हरदोई, कानपुर, बहराइच समेत कई अन्य जिलों से रेप की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं के बाद सवाल उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर उठने लगा। साथ ही यूपी की योगी सरकार को भी घेरा जाने लगा। इसके बाद योगी कैबिनेट द्वारा यह अहम फैसला लिया गया है।


रविवार को दफनाया गया शव
उन्नाव गैंगरेप केस मामले में रविवार को पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार से पहले पीड़िता के परिवारवाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग कर रहे थे। हालांकि, शासन-प्रशासन द्वारा काफी समझाने के बाद परिवार मान गया और पीड़िता को दफना दिया गया। सरकार की ओर से ऐलान किया गया कि पीड़िता की बहन को सरकारी नौकरी और भाई को शस्त्र का लाइसेंस मिलेगा। इससे पहले सरकार की ओर पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया गया था।