चौटाला का फार्म हाउस सील

हरियाणा के पूर्व सीएम के यहां ईडी की छापामारी, आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में हुई कार्रवाई

 सिरसा-प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला  के तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस और इसके अंदर बने आवासीय परिसर सील कर दिया। यह कार्रवाई चौटाला के खिलाफ घोषित आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर दर्ज किए गए मामले में की गई है।  इससे पहले ईडी के चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त निदेशक दिनेश गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार की दोपहर करीब 12 बजे सुबह तेजा खेड़ा फार्म हाउस पर पहुंची। उसके साथ सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीम भी साथ थी। फार्म हाउस को सील करने की कार्रवाई के दौरान किसी भी व्यक्ति और मीडिया को पास नहीं फटकने दिया गया। यह कार्रवाई लगभग दो घंटे चली। कार्रवाई को लेकर ईडी के अधिकारियों ने मीडिया के सवालों का कोई जबाव न देते हुये बात करने से इनकार कर दिया। फार्म हाउस पर पहुंची टीम ने सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पारिवारिक सदस्यों के बारे में पूछा और इसके बाद टीम के करीब डेढ़ दर्जन अधिकारी और कर्मचारी आवास में गए और अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान आवासीय क्षेत्र में किसी को नहीं घुसने दिया। आवास एवं फार्म हाउस सील करने के बाद ईडी की टीम ने इसके बाहर एक नोटिस चसपा कर दिया।  उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके दो पुत्रों अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला के खिलाफ ओम प्रकाश चौटाला के छोटे भाई प्रताप सिंह चौटाला और पलवल के तत्कालीन विधायक करण सिंह दलाल की शिकायत पर ईडी ने मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ओम प्रकाश चौटाला ने उनके मुख्यमंत्री रहते आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। ईडी ने चौटाला परिवार के तेजा खेड़ा फार्म के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली और हिमाचल आदि राज्यों में संपत्तियों की जांच की थी। जांच के दौरान ईडी ने हिमाचल प्रदेश में चौटाला परिवार के एक होटल को भी सील किया था। ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला इनेलो शासन के दौरान हुए जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में  दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद की सजा भुगत रहे हैं। गत सप्ताह ओम प्रकाश चौटाला ने उम्र का तकाजा देते हुए उन्हें रिहा करने को लेकर उच्चतम न्यायालय में अपील की थी, जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।