देहदान करने में हिमाचली सबसे आगे

अभी तक 350 लोग कर चुके हैं शरीर का दान, सात देह पहुंची आईजीएमसी

शिमला  – मेडिकल कालेजों को अपनी डेडबॉडी डोनेट करने में हिमाचली नंबर वन हैं।  इसमें आईजीएमसी की देहदान समिति में 350 हिमाचलियों ने मौत के बाद देह देने के लिए शपथपत्र भर दिया है। इसके तहत अभी तक सात लोगों की डेडबॉडी आईजीएमसी भी पहुंच चुकी है। अभी पिछले सप्ताह ही मेडिकोज़ की स्टडी के लिए आईजीएमसी में देहदान समिति के पास शुक्रवार को डा. बाबूराम शर्मा की डेडबॉडी पहुंची है। हमीरपुर अस्पताल में हुई मौत के बाद उनके मृत शरीर को आईजीएमसी में देह दान समिति के पास लाया गया था। 28 नवंबर को हुई मौत के बाद उनके परिजन उन्हें अगले दिन इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज की देह दान समिति में लाए थे। बताया जा रहा है कि गांव दुगवार जिला हमीरपुर के रहने वाले डा. बाबूराम शर्मा की नेचुरल डैथ हुई थी। उन्होंने आईजीएमसी देहदान समिति को अपनी देह मौत के बाद दान करने का शपथपत्र दिया था। आईजीएमसी देह दान समिति के रिकार्ड पर गौर करें तो अभी तक सात देह अस्पताल पहुंचाई जा चुकी हैं। यह समिति एचपी रजिस्ट्रेशन एक्ट-2006 के तहत पंजीकृत है। गौर हो कि मेडिकोज की पढ़ाई के लिए उनका सबसे पहला विषय एनाटॉमी रहता है। इसमें भविष्य के डाक्टरों को शरीर के अंगों के बारे में बताया जाता है। एक बॉडी से 20 से 30 स्टूडेंट पढ़ाई कर सकते हैं। बता दें कि आईजीएमसी में पहली देह  सिरमौर के बलदेव वर्मा की पहुंची थी। वहीं, दूसरा शरीर जिया लाल पटियाल सोलन का पहुंचा था।

मृत शरीर लाने पर मिलते हैं पांच हजार

प्रदेश में देहदानियों का ग्राफ बढ़े, इसके लिए राज्य में यह व्यवस्था भी है कि डेडबॉडी को अस्पताल लाने के लिए परिजनों को पांच हजार की राशि दी जा रही है। आईजीएमसी प्रशासन जनता से बार-बार यह अपील करता है कि देहदान में जनता सहयोग दे। इसके लिए सभी अस्पतालों में एक काउंसिलिंग टीम का होना जरूरी है, जो जनता को जागरूक करे।