नागरिकता बिल को याद किया जाएगा शीत सत्र

नई दिल्ली –तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण यहां आने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता देने संबंधी विवादास्पद विधेयक, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और किन्नर अधिकार संरक्षण विधेयक समेत 15 विधेयकों को पारित करने के साथ संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया। अट्ठारह नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के दौरान नागरिकता विधेयक पर दोनों सदनों में गर्मागर्म बहस हुई तथा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। लोक सभा में करीब नौ घंटे तक चली बहस के उपरांत आधी रात के बाद यह विधेयक पारित किया गया, जबकि राज्य सभा में भी आठ घंटे तक चली चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। हैदराबाद में एक महिला को बलात्कार के बाद जला देने तथा उन्नाव में एक बलात्कार पीडि़त युवती को जिंदा जलाए जाने की घटना का मामला दोनों सदनों में जोरशोर से उठा और सभी सदस्यों ने एक स्वर में इस की निंदा की तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। राज्य सभा और लोक सभा में कामकाज क्रमशः 100 और 116 प्रतिशत रहा और इस दौरान उच्च सदन में 15 और निचले सदन में 14 विधेयक पारित किए गए। लोक सभा में 18 विधेयक पेश किए गए। तीन विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक 1987, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानव संसाधन विधेयक 2011 और भारतीय चिकित्सा परिषद(संशोधन) विधेयक 2013 वापस लिए गए।