नागरिकता संशोधन बिल: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में किया पेश, कहा- गलत साबित हुआ तो ले लेंगे वापस

नई दिल्ली – होम मिनिस्टर अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए विपक्ष के ऐतराजों का जवाब देते हुए कहा कि यदि आप लोग इसे गलत साबित कर देंगे तो हम बिल वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर चिंतित हैं, उसी तरह पड़ोसी मुल्कों से आने वाले माइनॉरिटी समुदाय के लोगों के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं। शाह ने कहा, ‘भारत के अल्पसंख्यकों की हम चिंता करते हैं तो क्या बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों की चिंता नहीं होनी चाहिए? हम जो बिल लाए हैं, वह हमारे घोषणा पत्र के मुताबिक है।’अमित शाह ने कहा कि लाखों करोड़ों लोग वहां से धकेल दिए गए। कोई भी व्यक्ति अपना देश यहां तक कि गांव भी यूं ही नहीं छोड़ता। कितने अपमानित हुए होंगे, तब जाकर वे यहां आए। इतने सालों से रहने वाले लोगों को यहां न शिक्षा, न रोजगार, न नागरिकता और न ही अन्य कोई सुविधा है। इस बिल से लाखों लोगों को नारकीय यातना से मुक्त मिल जाएगी। अमित शाह ने कहा कि यह बिल किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करता है और धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले लोगों को शरण देता है। इसके कुछ प्रावधानों पर विपक्ष के ऐतराजों को लेकर अमित शाह ने कहा कि धर्म और पंथ के आधार पर किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। मगर किसी भी सरकार का यह तो कर्तव्य है कि वह देश की सीमाओं की रक्षा करे। क्या यह देश सभी के लिए खुला छोड़ा जा सकता है। ऐसा कौन सा देश है, जिसने बाहरी लोगों को नागरिकता देने के लिए कानून नहीं बनाए।