पर्यटन को हार्ट स्पेशलिस्ट जरूरी

हिमाचल विविध साहसिक क्रियाकलाप नियम में संशोधन

शिमला-प्रदेश में साहसिक पर्यटन प्रदेश में और सुरक्षित बनाया जा रहा है। इसमें प्रदेश विविध साहसिक क्रियाकलाप नियम- 2017 में संशोधन किया गया है। इसके तहत नए नियम बनाए गए हैं और 30 दिन के भीतर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई है। इसमें मुख्यतौर पर ऑपरेटर को अपने स्वयं के साहसिक उपकरणों के साथ प्राथमिक उपचार में विशेषतः कार्डिक प्लमनरी में विशेषज्ञ का होना जरूरी है। विशेषज्ञ ने सरकारी अस्पताल या मान्यता प्राप्त संस्थान से कोर्स किया हो। साथ ही भारतीय साहसिक टूअर ऑपरेटर्ज संगम द्वारा संचालित सर्टिफिकेट कोर्स पूर्ण किया हो। प्रत्येक ऑपरेटर को दुर्घटनावश मृत्यु या अंगों की अक्षमता के कारण बीमा और आपातकालीन निकासी द्वारा ग्राहकों व गाइड्स के जोखिमपूर्ण पहलुआें की जिम्मेदारी लेनी होगी। गाइड की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। इस अधिनियम के तहत तकनीकी समिति का भी गठन किया गया है। इसमें निदेशक पर्यटन विभाग को अध्यक्ष, निदेशक अटल बिहारी बाजपेयी पर्वतारोहण और खेल संस्थान मनाली को उपाध्यक्ष, जबकि बाकी दस लोगों सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा ऑपरेटर्ज को साहसिक पर्यटन में हेलिकॉप्टर प्रचालनों से परिचित होना चाहिए, वहीं समूह के सभी सदस्यों को रेडियो जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल करना आना चाहिए। नियम संशोधन में यह भी सुनिशित किया गया है कि गाइड का दो लाख का जीवन बीमा और दो लाख का बचाव बीमा होना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समूहों के प्रतिभागी शारीरिक रूप से सक्षम होने चाहिएं। इसमें यह भी बताया गया है कि ऑपरेटर्ज के पास आपात नंबरों की लिस्ट भी उपलब्ध होनी चाहिए।