बलात्कारियों को जल्द मिले फांसी

 -रूप सिंह नेगी, सोलन

इसे दुर्भाग्य ही कह सकते हैं कि 2012 के  निर्भया बलात्कारी को तकरीबन सात साल के समय के अंदर भी फांसी पर नहीं लटकाया जा सका है। अभी और कितना समय लग सकता है, यह कहना संभव नहीं। देश में बलात्कार और निर्मम हत्याओं का दौर रुकने का नाम शायद इसीलिए नहीं ले पा रहा होगा, क्योंकि बलात्कारियों को कोई खौफ नहीं, न सरकारों को चिंता होगी, और न ही हमारी न्याय व्यवस्था को। जनता को संशय होना स्वभाविक सा है कि देश में समान अपराध समान कानून और समान दंड को कहीं न कहीं ठेंगा दिखाया जा रहा होगा है। सरकार से अपेक्षा है कि वह इस पर चिंतन कर उचित कदम उठाएगी।