सरकार ने घटाया कैट प्लान का पैसा

अढ़ाई के बजाय डेढ़ फीसदी राशि ही लेगी सरकार, ऊर्जा उत्पादकों को बहुत बड़ी राहत

शिमला-हिमाचल सरकार ने ऊर्जा उत्पादकों को बहुत बड़ी राहत देते हुए कैट प्लान में दी जाने वाली राशि को घटा दिया है। यह राशि परियोजना प्रबंधक को कुल लागत पर अढ़ाई फीसदी देनी होती थी, जिसे घटाकर डेढ़ फीसदी कर दिया गया है। यह फैसला 10 मेगावाट क्षमता से अधिक के प्रोजेक्टों पर लागू होगा। इससे राज्य के हरित आवरण को बचाए रखने में बेशक पैसे की कमी खलेगी, परंतु यहां पर बिजली परियोजनाएं लगाने वालों को राहत मिल जाएगी। वैसे सरकार का यह फैसला एक तरफ से प्रदेश हित में है, तो दूसरी ओर नहीं भी। यहां पर बिजली परियोजनाएं लगाने कोई नहीं आ रहा, क्योंकि प्रोजेक्ट की कॉस्ट ज्यादा पड़ रही है। इनका रुझान बढ़ाने के लिए सरकार उनको फायदे देने में लगी है, लेकिन कैट प्लान का पैसा प्रभावित हो रहे पर्यावरण को बचाने में खर्च होता है, जिसे बचाना भी जरूरी है। अब सरकार ने इसकी कीमत पर परियोजना प्रबंधकों को राहत दे दी है। प्रोजेक्ट की कुल लागत का अढ़ाई फीसदी कैट प्लान यानी कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रखा गया था, जिसे वन विभाग ने एक अधिसूचना के साथ कम करके डेढ़ फीसदी कर दिया है। परियोजना प्रबंधकों को इससे प्रोजेक्ट के निर्माण में कुछ राहत मिलेगी, जिसमें टैरिफ की कॉस्ट कम हो जाएगी।

पुराने ऊर्जा उत्पादकों को फायदा

कैट प्लान का पैसा वन विभाग के पास एकमुश्त जमा करवाया जाता है। यह राशि अभी कई पुराने ऊर्जा उत्पादकों ने नहीं दे रखी है, लिहाजा उनको भी फायदा मिल जाएगा। आगे जो लोग प्रोजेक्ट लगाने आएंगे उनको भी इससे राहत मिलेगी। और कमी हो सकती है फोरम ऑफ हाइड्रो पावर प्रोड्यूसर के महासचिव ई. सीएम वालिया ने यह राशि कम करने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा उत्पादकों को सहूलियत देने के लिए अभी इसमें और कमी हो सकती है। फोरम का कहना है कि कैट प्लान को एक फीसदी तक लाया जा सकता है।