32 अफसर जबरन रिटायर

आम लोगों के हित को लेकर रेलवे का बड़ा एक्शन

नई दिल्ली –रेलवे ने अपने 32 अधिकारियों को तय तारीख से पहले ही रिटायर करने का फैसला किया गया है। रेलवे का कहना है कि यह असामान्य कदम पब्लिक इंटरेस्ट को देखते हुए उठाया गया है। इन अधिकारियों की उम्र 50 साल से ज्यादा है। रेलवे के बयान के मुताबिक काम को लेकर असक्षमता, संदिग्ध गुटबाजी और अच्छा रेलवे सेवक न होने की वजह से यह कड़ा फैसला किया गया। रेलवे के इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है। इससे पहले 2016-17 में रेलवे ने अपने चार अधिकारियों को स्थाई रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था। अधिकारियों के मुताबिक एक अंतराल के बाद समीक्षा होना रेलवे के नियमों में है लेकिन ऐसा कम ही होता है कि किसी को परमानेंट रिटायरमेंट दे दिया जाए।

पीएमओ ने दिए थे निर्देश

बता दें कि पीएमओ नॉन परफॉर्मेंस और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने को कहा था। पीएमओ का साफ निर्देश था कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

यह है नियम

सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) 1972 के नियम में कहा गया है कि 30 साल की सेवा पूरी कर चुके या 50 की उम्र पार कर चुके अधिकारियों की सेवा सरकार समीक्षा के आधार पर समाप्त कर सकती है। इसके लिए सरकार को नोटिस देना होगा और तीन महीने का वेतन भत्ता भी देना होगा। अक्षमता या अनियमितता के आरोपों के बाद यह समीक्षा की जाती है।