अपने काम में सुधार लाएं अफसर

समीक्षा बैठक में एक्शन मोड में दिखे परिवहन मंत्री; परफार्मेंस से नाखुश, अधिकारियों की लगाई क्लास

शिमला – परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर एक्शन मोड में आ गए हैं। पथ परिवहन निगम के अधिकारियों की परफार्मेंस से नाखुश परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है। परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को चेताया है कि वे अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाएं, अन्यथा ऐसे अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बुधवार को पथ परिवहन निगम की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने गाडि़यों की विस्तृत शेड्यूलिंग तैयार न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि 15 दिनों के भीतर डिपोवाइज शेड्यूलिंग तैयार की जाए। इस व्यवस्था के लिए डिपुओं में कमेटियां गठित करने को कहा गया  है। परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को तीखे लहजे में कहा है कि यह कार्य निधार्रित  अवधि में पूरा किया जाए। वहीं निगम की इनकम बढ़ाने के लिए अधिकारियों को फील्ड में उतरने के निर्देश जारी किए। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने निगम के विभिन्न रूटों, बसों के उचित रख-रखाव और अन्य मुद्दों पर अधिकारियों से बातचीत की और निगम की आय बढ़ाने के लिए उचित निर्देश दिए हैं। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधाओं और उनकी संतुष्टि पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने निगम प्रबंधन को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी बस अड्डों, कार्यशालाओं और ढाबों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि निगम के मापदंडों की अनुपालना नहीं करने वाले ढाबों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। मंत्री ने मडलीय प्रबंधकों सहित क्षेत्रीय प्रबधकों को निर्देश दिए हैं कि ढाबों का औचक निरीक्षण कर यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता को चैक किया जाए। नियम न मानने वाले ढाबा संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में निगम के महाप्रबंधक यूनुस, कार्यकारी निदेशक अनुपम कश्यप, सभी मंडलीय प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक उपस्थित थे।

खाली पद भरने के निर्देश

गोविंद सिंह ठाकुर ने निर्देश दिए कि अधिकारियों, चालकों, परिचालकों और सहायक स्टाफ की भर्ती के लिए प्रक्रिया की अनुपालना की जाए। उन्होंने निगम स्टाफ की समयबद्ध पदोन्नतियां करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निगम में आगामी तीन से छह महीनों के भीतर 1400 रिक्तियां भरी जाएंगी।