अब जल्द पेपरलैस होगा आईजीएमसी

योजना पर काम करने वाला बनेगा प्रदेश का पहला अस्पताल, सरकार को सौंपा प्रस्ताव

 शिमला –अब आईजीएमसी प्रदेश का पहला पेपरलैस अस्पताल बनेगा, जिसकी तैयारियां आईजीएमसी प्रशासन ने शुरू कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक इसे लेकर प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर दिया है, जिस पर अब तकनीकी अधिकारियों की बैठक भी आयोजित हो चुकी है। इसमें आईजीएमसी को पेपरलैस करने के लिए संबंधित अधिकारियों की बैठक भी आयोजित हो चुकी है। इस सुविधा के शुरू होने से आईजीएमसी की विभिन्न योजनाआें का प्रारूप भी तकनीकी तौर पर सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिसमें खासतौर पर मरीजों का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन भी होगा। अब जो कोई भी कार्यक्र म आईजीएमसी के तहत चलेगा, उसमें मैनुअल कार्य को कम किया जाएगा। गौर हो कि आईजीएमसी के पेपरलैस होने का सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को भी मिलेगा, जिसमें प्रतिदिन अस्पताल आने वाले मरीजों का डाटा भी रिकार्ड उनकी बीमारी के साथ सुरक्षित रखा जाएगा। इसमें मरीजों की बीमारियों के बारे में भी विभिन्न विभाग का आपस में भी पूरा संपर्क होगा, जिससे मरीज या फिर तीमारदार को भी इधर-उधर नहीं भटक ना पड़ेगा। यह भी देखा जाएगा कि इस सुविधा के शुरू होने से कागज का खर्चा भी बचेगा, जिसकी बचत का इस्तेमाल रोगी कल्याण समिति के लिए किया जाएगा। गौर हो कि आईजीएमसी में 34 विभाग है, जिसमें सभी विभागों के कार्य अपने आप में अहम हैं। इसमें खासतौर पर मेडिसिन, ऑर्थों, कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स विभाग और सर्जरी विभाग में  कई तकनीक इलाज के  लिए आती हैं। इसके लिए कई बार आईजीएमसी में मैनुअल रिपोर्ट तैयार रहती है। इसे अब तकनीकी तौर पर सुरक्षित रखा जा सकेगा।

अस्पतालों में फाइल रखना सुरक्षित नहीं

अभी देखा जा रहा है कि प्रदेश के अस्पतालों में विभिन्न कार्यक्रमों की फाइल बनाई जाती है, जिसमें मैनुअल वर्क ही सबसे ज्यादा रहता है। कई बार यह भी परेशानी देखी गई है कि अस्पतालों में चूहों द्वारा फाइल्स को काट दिया गया है। इसके कारण कई बार नुकसान भी हो चुका है। ऐसी ही परेशानी प्रदेश के  सबसे बड़े अस्पताल को भी झेलनी पड़ रही है, जिसमें आईजीएमसी में भी कई बार फाइल्स चूहों के साथ ही सिल्वर फिशिज ने भी खा ली है। कई ऐसे रिकार्ड हैं, जिन्हें अस्पताल में सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।