आउटसोर्स प्रथा गैर जिम्मेदार

विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने स्थायी नीति को उठाई मांग

नादौन – आउटसोर्स पर भर्ती करने के बजाय बिजली बोर्ड के माध्यम से अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाए और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए। यह मांग हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग व राज्य सरकार से की है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स प्रथा एक गैर जिम्मेदार और शोषण आधारित व्यवस्था है। इसके चलते जहां इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से महरूम रखा जा रहा है, वहीं इनका ईपीएफ भी इनके खाते में जमा करवाने के बजाय कुछ सर्विस प्रदाताओं द्वारा गड़बड़झाला किया जा रहा है। फील्ड में काम कर रहे एक दर्जन से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे जा चुके हैं या शारीरिक तौर पर शत -प्रतिशत अपाहिज हो चुके हैं। दुर्घटनाओं का शिकार हुए कर्मचारियों के परिवार जहां दो टाइम की रोटी से महरूम हो रहे हैं, वहीं अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने में भी असमर्थ हैं। इन परिवारों को न तो किसी एजेंसी द्वारा इलाज का खर्चा दिया जा रहा है, न ही मुआवजा राशि की अदायगी हो पा रही है और न ही ईपीएफ तक की अदायगी हो पा रही है। हाल ही में एक मामला विद्युत मंडल ऊना के सब-डिविजन संतोखगढ़ का उजागर हुआ है, जिसमें निर्मल सिंह आउटसोर्स कर्मचारी 16 नवंबर, 2019 को बिजली करंट से बुरी तरह से जल गया था, जिसका पीजीआई में दायां बाजू तो कट चुका है। उन्होंने कहा कि यूनियन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से ऐसे बेसहारा हो चुके परिवारों के लिए अतिशीघ्र राहत राशि जारी करने, मुआवजा राशि देने और परिवार से एक सदस्य को बिजली बोर्ड में नौकरी दिए जाने के आदेश अतिशीघ्र जारी करने की मांग करती है।