एयर इंडिया की सौ फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

कर्ज 37 हजार करोड़ घटाकर फिर से मांगी बोलियां, दो साल पहले नहीं मिला था कोई खरीदार

नई दिल्ली – कर्ज में दबी एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने 17 मार्च तक बोलियां मांगी हैं। शर्तों के मुताबिक खरीदार को एयर इंडिया के सिर्फ 23286.5 करोड़ रुपए के कर्ज की जिम्मेदारी लेनी होगी। एयरलाइन पर कुल 60074 करोड़ रुपए का कर्ज है। योग्य बोलीदाताओं की जानकारी 31 मार्च को दी जाएगी। सरकार ने सोमवार को बिडिंग के दस्तावेज जारी किए। इसके मुताबिक सफल खरीदार को एयर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा। नीलामी प्रक्रिया के दस्तावेजों के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस के भी 100 फीसदी शेयर बेचे जाएंगे। यह एयर इंडिया की सबसिडायजरी है, जो सस्ती उड़ानों का संचालन करती है। ज्वाइंट वेंचर एआईएसएटीएस में भी पूरी 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। एआईएसएटीएस एयर इंडिया और एसएटीएस लिमिटेड के बीच 50-50 फीसदी की साझेदारी वाला संयुक्त उपक्रम है। एयरपोर्ट पर विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की गई थी। एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज, एयर इंडिया ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज और होटल कारपोरेशन ऑफ इंडिया एक अलग कंपनी, एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को ट्रांसफर की जाएंगी। ये बिक्री में शामिल नहीं होंगी। गौरतलब है कि एयर इंडिया को बेचने की दो साल में यह दूसरी कोशिश है। 2018 में सरकार ने 76 फीसदी शेयर बेचने के लिए बोलियां मांगी थीं, लेकिन कई खरीदार नहीं मिला। इसलिए शर्तें आसान की गई हैं। 2018 में सरकार मैनेजमेंट कंट्रोल अपने पास रखना चाहती थी। कोई भी प्राइवेट, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, कारपोरेट बॉडी या फंड, जो कि भारत या भारत के बाहर रजिस्टर्ड हो, वह भारतीय कानून के मुताबिक एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकेंगे।

भाजपा के सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देश विरोधी बताया फैसला, कोर्ट जाएंगे

सरकार के इस कदम के खिलाफ  भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी खड़े हो गए हैं। भाजपा नेता ने इस प्रस्ताव पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को चेतावनी भी दे दी है। स्वामी ने ट्वीट करते हुए इस सौदे को पूरी तरह से देश विरोधी करार दिया और कहा कि मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते। ट्विटर पर एक यूजर ने स्वामी से सवाल किया कि एयर इंडिया घाटे में है। सिर्फ  नेताओं के आराम के लिए ऐसी कंपनियों में टैक्सपेयर का पैसा क्यों लगना चाहिए। इस पर स्वामी ने जवाब दिया कि बजट भी घाटे में है, तो फिर सरकार की नीलामी क्यों नहीं करते।