लंबित केसों में आई है कमी
चीफ जस्टिस ने कहा कि टैक्स जूडिशरी का देश के लिए संसाधन जुटाने में अहम योगदान है। उन्होंने लंबित केसों को लेकर चिंता भी चाहिर की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और सीईएटीएटी में लंबित इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़े केसों में दो साल में 61 फीसदी की कमी आई है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक, 30 जून 2017 तक 2 लाख 73 हजार 591 केस लंबित थे। 31 मार्च 2019 तक इनकी संख्या 1 लाख 5 हजार 756 रह गई।
‘टैक्स विवाद का जल्दी निपटारा प्रोत्साहन जैसा’
डायरेक्ट टैक्स से जुड़ी केसों की बात करें तो 3.41 लाख केस कमिश्नर के पास लंबित हैं, जबकि 92,205 केस 31 मार्च 2019 तक इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल के पास लंबित थे। चीफ जस्टिस ने टैक्स विवादों के जल्दी निपटारे पर जोर देते हुए कहा कि यह टैक्सपेयर्स के लिए प्रोत्साहन जैसा होता है और मुकदमेबाजी में फंसा फंड भी निकल जाता है।