जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर ज्यादा जोर दें अधिकारी

शिमला – राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। यह बात उन्होंने राजभवन में जनजातीय विकास विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जनजातीय क्षेत्रों में प्रतिव्यक्ति आय सामान्यतः गैर जनजातीय क्षेत्रों से अधिक है। वर्ष 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 160711 की अपेक्षा किन्नौर में 208137 और लाहुल-स्पिति में 217160 है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लिंग अनुपात 1018 है, जो प्रदेश के 972 के लिंग अनुपात की तुलना में बेहतर है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन को और विस्तार देने की आवश्यकता है। उन्होंने विभाग से प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत शेष बचे गांवों की जानकारी और जिन सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है, उनकी रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में कौशल विकास पर ध्यान देने को कहा। साथ ही व्यावसायिक संस्थानों को आईटीआई और उद्योगों से संबद्ध कर रोजगार की समस्या को दूर करने की बात कही। उन्होंने आदर्श स्कूलों की संख्या बढ़ाने और ड्रॉपआउट विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जनजातीय विकास के प्रधान सचिव आेंकार शर्मा ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में वर्ष 1974-75 में 262 के मुकाबले वर्ष 2019 में कुल 573 प्राथमिक शिक्षा संस्थान, 44 के मुकाबले 99 माध्यमिक और 21 के मुकाबले 44  उच्च शिक्षा संस्थान और चार डिग्री कालेज तथा छह आईटीआई कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि यहां स्वास्थ्य संस्थानों की भी स्थिति बेहतर है और वर्तमान में छह नागरिक अस्पताल, सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 105 स्वास्थ्य उपकेंद्र कार्यशील हैं। यहां करीब 118 वेटािनरी डिस्पेंसरी भी हैं। उन्होंने बताया कि केलांग, काजा, भरमौर और किलाड़ में टेलि मेडिसिन सुविधा आरंभ कर दी गई है। जनजातीय विकास के अतिरिक्त आयुक्त सीपी वर्मा ने इस अवसर पर जनजातीय विकास से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए।

स्कूलों के परिणाम का ब्यौरा तलब

श्री दत्तात्रेय ने जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत स्कूलों में स्टाफ, लड़के और लड़कियों की संख्या और परिणाम की प्रतिशत प्रति स्कूल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ, विशेषज्ञ सेवाओं और अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता पर भी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग से प्राकृतिक कृषि अपना रहे किसानों की संख्या और छोटे स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने वाले स्थानीय लोगों की रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए।