डा. पद्मनाभ ने नागपुर में प्रस्तुत किया शोधपत्र

चोलथरा – पहाड़ी राज्य हिमाचल में ज्ञान के पीपासुओं की कोई कमी नहीं है। इसी कड़ी में ऐसी ही एक विभूति राजकीय शहीद कैप्टन दीपक गुलेरिया वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चोलथरा के संस्कृत (काव्य एवं पुराण शास्त्र) प्रवक्ता डाक्टर पद्मनाभ सामने आई हैं। उन्होंने नागपुर में अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सम्मेलन में भाग लेकर हिमाचल का नाम रोशन किया है। सम्मेलन का आयोजन ऑल इंडिया ओरिएंटल कॉन्फ्रेंस द्वारा कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक नागपुर महाराष्ट्र में किया गया। उन्होंने आधुनिक महाकाल, जानकी जीवनम महाकाल की रामकथा का कतिपय प्राचीन स्त्रोत कथाओं से तुलनात्मक समीक्षा नामक शोधपत्र प्रस्तुत कर प्रदेश का नाम रोशन किया। यह महाकाव्य डाक्टर अभिराज राजेंद्र मिश्र विभिन्न उपाधियों से सम्मानित द्वारा विरचित काव्य है। इसका मूल स्त्रोत वाल्मीकि रामायण है, परंतु इसके अतिरिक्त अध्यात्म रामायण, आनंद रामायण, अद्भुत रामायण, योग वशिष्ठ रामायण एवं महाभारत के रामोपाख्यान राम कथा, साम्य एवं वैषम्य और व्यतिरिक्त कथनों को प्रस्तुत करना ही उक्त शोध की विषय वस्तु रही। हर दो वर्ष में एक बार होने वाले इस सम्मेलन में करीब 3000 शोधार्थियों ने देश-विदेश से पहुंचकर विभिन्न विषयों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। डा. पद्मनाभ ने बताया कि हिमाचल से उनके अलावा सात और संस्कृत विद्वानों ने भी शोधपत्र प्रस्तुत किए। इनमें डाक्टर मनोज शैल, डाक्टर अमित शर्मा, डा. विवेक शर्मा, डाक्टर योगेश ,शास्त्री डा. शिव कुमार गर्ग, डा. राजेश शर्मा तथा डा. बृहस्पति मिश्र ने अपने-अपने विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। डाक्टर पद्मनाभ की इस उपलब्धि पर पाठशाला के प्रधानाचार्य संजय ठाकुर, एसएमसी समिति प्रधान किरना कुमारी, पंचायत समिति सदस्य संजीव कुमार, ग्राम पंचायत प्रधान पवन ठाकुर, बंदना गुलेरिया, कुसुम, लेखराज पठानिया, शारदा देवी, डोलमा देवी, दिलीप गुलेरिया, धर्मचंद, राजूराम डा. बालम, ग्राम पंचायत देवब्राडता की प्रधान शांता देवी, उपप्रधान राकेश पालशरा, अशोक पालशरा आदि ने बधाई दी है।