नहीं रुक रहा महिलाओं पर अत्याचार

हिमाचल में फिर बढ़ रहा अपराध, 2010 में 1145 के मुकाबले 2019 में 1638 मामले दर्ज

पालमपुर-देवभूमि में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और पढ़े-लिखे लोगों वाले प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। 2010 में जहां महिलाओं से पेश आए विभिन्न अपराधों को लेकर प्रदेश भर में 1145 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2019 में महिलाओं से अपराध के मामलों की संख्या बढ़कर 1638 तक जा पहुंची है। चिंताजनक यह है कि 2018 के बाद 2019 में महिलाओं के साथ हुए अपराधों के दर्ज मामलों का ग्राफ लगातार दूसरे वर्ष 16 सौ की संख्या के पार रहा है। आंकड़े बताते हैं कि 2004 से लेकर 2006 तक प्रदेश में महिलाओं से पेश आए अपराधों के मामलों की संख्या सालाना एक हजार से कम थी, लेकिन उसके बाद से इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती गई और 2007 से 2012 तक यह आंकड़ा सालाना 11 सौ के आसपास रहा। 2013 और 2014 में तो यह ग्राफ 15 सौ की संख्या को पार कर गया। 2013 में प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराध के कुल 1596 मामले पुलिस रिकार्ड में शामिल हुए, तो 2014 में 1576 मामले दर्ज हुए। इतना जरूर है कि इसके बाद के चार साल में यह आंकड़ा इससे कम रहा। साफ है शिक्षित लोगों के प्रदेश में भी महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं और हर माह महिलाओं के साथ किए जा रहे औसतन करीब 135 विभिन्न अपराध इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।

बढ़ते ही जा रहे दुराचार के मामले

दस साल में रेप के हर साल 150 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। 2008 में प्रदेश में 157 महिलाएं दुराचार का शिकार हुईं, तो 2009 में यह आंकड़ा बढ़कर 182 पर जा पहुंचा। 2010 में 160, 2011 में 168, 2012 में 183, 2013 में 250 और 2014 में 284 महिलाओं से दुराचार के मामले सामने आए। 2013 के बाद से यह आंकड़ा दो सौ ऊपर रहा, तो 2018 में पहली बार रेप के तीन सौ अधिक मामलों ने प्रदेश को हिलाकर रख दिया। 2018 में प्रदेश में 345 मामले दर्ज किए गए, तो 2019 में यह आंकड़ा 358 पर जा पहुंचा, यानि कि हर माह औसतन रेप के 30 मामले सामने आए।