पाक में ताक पर मानवाधिकार

नागरिकों ने कहा, पाकिस्तान में आपातकाल जैसी स्थिति

वाशिंटगन –विभिन्न देशों में रह रहे असंतुष्ट पाकिस्तानी नागरिकों ने वाशिंगटन में आयोजित एक सम्मेलन में पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कम होने की स्थिति में वहां मानव अधिकारों, बहुलवादी विचारों और लोकतंत्र को समर्थन देने के तरीकों के बारे में चर्चा की। एक बयान में कहा गया है कि दो दिनों तक चली इस चर्चा की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने की और यह सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया। उदारवादियों और बलोच, सिंधी, पश्तून और सेराकी सहित कई समुदाय से जुड़े प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया और पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को मार्शल लॉ लागू होने जैसा बताया। इस सम्मेलन में विद्वान, पत्रकार, ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले लोगों ने इस सम्मेलन में भाग लिया गया, जिनमें से कई निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह सम्मेलन पाकिस्तानियों के एक समूह साउथ एशियन्स अगेंस्ट टेररिजम एंड फॉर ह्यूमन राइट्स(साथ) द्वार चौथी बार आयोजित किया गया है।