पुराने सौ सरकारी स्कूल बनेंगे मॉडल

शिमला  – सरकारी शिक्षा में सुधार करने को लेकर सरकार ने एक और कदम उठाया है। इस साल राज्य के 100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को मॉडल बनाया जाएगा। खास बात यह है कि यह स्कूल पुराने ही होंगे। सालों पुराने स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्मार्ट क्लासरूम और अंग्रेजी मीडियम तक शुरू किया जाएगा। बता दें कि सरकार ने फैसला लिया है कि पुराने स्कूल जो आज खस्ताहालत में हैं, उनका स्वरूप बदला जाएगा। सरकार का तर्क है कि जब तक अटल आदर्श स्कूल और एक्सीलेंस स्कूलों पर कार्य नहीं होता है, तब तक पूराने स्कूलों में ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। सरकार ने सभी विधायकों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द अपने-अपने क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल का चयन कर सरकार को नाम भेजें। हिमाचल में अब कालेज की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके लिए हिमाचल के सभी विधायकों को भी सहयोग की अपिल की गई है। विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में मॉडल स्कूल के लिए जगह चयन करनी होगी। इसके बाद सरकार को प्रोपोजल भेजना होगा। राज्य सरकार ने सभी विधायकों को जल्द रिपोर्ट देने को कहा है कि इसके साथ ही ये भी आदेश दिए हैं कि मॉडल स्कूल बनाने के लिए दूसरे राज्यों की तर्ज पर सुझाव भी दिए जा सकते हैं। वहीं, विधायकों के स्कूल चयन करने के बाद शिक्षा विभाग यह चैक करेगा कि उस स्कूल की हालत कैसे है। यह भी चैक किया जाएगा कि सिलेक्ट किया गया स्कूल पहले से ही स्मार्ट तो नहीं। शिक्षा विभाग यह भी तय करेगा कि इन स्कूलों में पढ़ाई किस तरह से करवाई जाएगी और शिक्षकों की तैनाती किस आधार पर की जाएगी। जानकारी के अनुसार इन स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम से भी छात्रों को पढ़ाया जा सकता है। बताया जा रहा है मॉडल स्कूलों में छात्रों को प्राइवेट व कॉन्वेट स्कूलों की तर्ज पर हर सुविधाएं दी जाएंगी। इन स्कूलों में कम फीस देकर छात्र पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि मॉडल स्कूल का दर्जा मिलने के बाद छात्रों के दाखिले मैरिट के आधार पर किए जाएंगे। इन स्कूलों में केवल वहीं छात्र पढ़ सकेंगे, जो एंट्रेंस टेस्ट में मैरिट में आएंगे। सरकार ने इस साल हर विधानसभा क्षेत्र में एक मॉडल स्कूल खोलने का प्रस्ताव तैयार किया है।  सरकार ने तय किया है कि मॉडल स्कूल हिमाचल प्रदेश विधानसभा क्षेत्र के ऐसी जगहों पर बनाएं जाएंगे, जहां पर पहले से कोई बड़ा स्कूल नहीं है। सरकार ने साफ किया है कि मॉडल स्कूल बनाने का प्रयास ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाए।