पैसा तो है, पर डिमांड नहीं भेज रहे स्कूल

शिक्षा विभाग के पास 24 करोड़, राज्य के विद्यालयों में क्लास रूम फिर भी खस्ता

शिमला  – प्रदेश के सरकारी स्कूलों में क्लास रूम की रिपेयर के लिए शिक्षा विभाग के पास 24 करोड़ तक का बजट है। प्रदेश सरकार ने विभाग को 24 करोड़ का बजट क्लास रूम को स्मार्ट बनाने के लिए दे दिया है। बावजूद इसके राज्य के दस हजार स्कूलों ने खराब हुए क्लास रूम की मरम्मत के लिए बजट डिमांड नहीं भेजी है। हालांकि जानकारी के अनुसार स्कूलों को रिमाइंडर जारी होने के बाद लगभग आठ हजार स्कूलों ने बिगड़ी कक्षाओं की हालत सुधारने के लिए बजट डिमांड भेजी है। इसमें से शिक्षा विभाग ने एस्टीमेट बनाया है कि 14 करोड़ का बजट इन स्कूलों की रिपेयर के लिए दिया जाएगा। अभी भी दस करोड़ का बजट शिक्षा विभाग के पास स्कूल रिपेयर का बचा है, लेकिन बताया जा रहा है कि स्कूलों को बार-बार रिमाइंडर जारी करने के बाद भी डिमांड नहीं आ रही है। हालांकि शिक्षा विभाग ने अब जिला उपनिदेशकोंं को नोटिस जारी कर दिए हैं। विभाग की ओर से आदेश दिए गए हैं कि उपनिदेशक निरीक्षण टीम को फील्ड में भेजें। इस दौरान जिन क्लास रूम की हालत खराब है, वहां पर कितना बजट खर्च होना है, इसका पूरा ब्यौरा भेजा जाए। उपनिदेशकों को अब यह भी दो टूक कहा गया है कि राज्य के ऐसे स्कूल, जिनके क्लास रूम की हालत काफी सालों से खराब है, उनकी अलग से रिपोर्ट बनाई जाए। विभाग ने जिलों को ये भी आदेश दिए हैं कि छात्रों की पढ़ाई क्लास रूम की खस्ताहालत के बीच कैसे हो रही है, यह रिपोर्ट भी भेजी जाए। अब सरकारी स्कूलों में बजट न होने की वजह से प्रभावित हो रही पढ़ाई के लिए स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को ये भी आदेश दिए हैं कि क्लास रूम में छात्रों के लिए बिजली की सुविधाएं भी दी जाए।

कई क्लासरूम ऐसे…बारिश में भी पढ़ाई कर रहे छात्र

शिमला, सिरमौर, चंबा, लाहुल-स्पति, सोलन, बिलासपुर जिले के सरकारी स्कूलों में क्लास रूम की ज्यादा हालत खराब है। राज्य के सरकारी स्कूलों में कई क्लासरूम ऐसे भी है, जहां पर बारिश में भी छात्रों को पढ़ाई करनी पड़ती है। हैरानी इस बात की है कि  इतनी बुरी खस्ता हालत में पढ़ाई करने के बाद भी कई स्कूलों ने अभी तक स्कूलों की रिपेयर को लेकर कोई कदम नहीं रखा।