प्रदेश में दोहरे मापदंड अपना रही सरकार

पंचकूला – केंद्र व हरियाणा प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों का सम्मान, स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही है। जिन स्वतंत्रता सेनानियों  ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी आज वे सरकार उनको व उनके परिजनों को ही भूल गई है।  हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संघ के सदस्य ओमप्रकाश ढांडा, सुरेंद्र डूडी, सुरेंद्र जागलान, राजेश  व रमेश ने बताया कि  पिछले पांच साल से उनकी पेंशन में कोई भी वृद्घि नहीं की है। हरियाणा सरकार ने पिछली सरकार में रहते हुए भी हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति का भी नहीं किया गठन। समिति का अकेले चेयरमैन ही बना कर  सरकार भूल गई।  समिति के  लालती राम को चेयरमैन बनाया गया मगर लालती राम अधिक बुजुर्गों होने के कारण सुनने व चलने में भी असमर्थ है। आज तक  वाइस चेयरमैन और समिति का एक भी मेंबर नही बनाया। 1966 के बाद हरियाणा के इतिहास में पहली बार बिना मेंबर की समिति काम कर रही है। जिस समिति में मेंबर ही नहीं वह समिति किस काम की। पॉलीटिकल मूवमेंट में कार्य करने वाले को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देकर स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी उनकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं।  पॉलिटिकल मूवमेंट में स्वतंत्रता सेनानी बनने वाले हरियाणा के मंत्री व पूर्व मंत्रियों के अधिकतर परिवार है, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई ही नहीं लड़ी उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देना न्याय संगत है। हरियाणा सरकार  1966 से लेकर आज तक हरियाणा प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास नहीं बना पाई।  स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवार  स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास की इंतजार कर रहे है। हरियाणा प्रदेश को छोड़कर दूसरे भाजपा शासित प्रदेशों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को नौकरियों में दो फीसदी खुला आरक्षण मिल रहा है।  हरियाणा प्रदेश में  स्वतंत्रता सेनानी परिजनों को नौकरियों में आरक्षण नही मिल रहा है।  पड़ोसी राज्य चंडीगढ़, पंजाब, यूपीए बिहार, उत्तराखंडए गोवाए मध्य प्रदेस व छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता सेनानी परिजनों को नौकरी में दो परसेंट खुला आरक्षण मिल रहा है। प्रदेश की मनोहर लाल सरकार ने पहली ही कैबिनेट में अपने मंत्री विधायकों के वेतन तो बड़ा लिएए मगर पिछले 5 साल से स्वतंत्रता सेनानियों का एक रुपया भी पेंशन का नहीं बढ़ाया। इस बात को लेकर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिजनों में  भाजपा की मनोहर लाल सरकार के प्रति रोष है। अपने आपको को स्वतंत्रता सेनानी परिवारों कहलवाने वाले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व विपक्ष के नेता  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी स्वतंत्रता सेनानी परिजनों की कोई भी आवाज नहीं उठा रहे हैं।