प्रदेश में पेपर मिल लगाए सरकार

गत्ता उद्यमियों ने उठाई मांग; कहा, बाहर से महंगा मिल रहा सामान

बीबीएन, बद्दी – प्रदेश के गत्ता उद्यमियों ने हिमाचल सरकार से गत्ता उद्योगों के उत्थान के लिए नीति बनाने की मांग की है। उद्यमियों का कहना है कि कच्चे माल के रेट लगातार बढ़ने से उनके लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। अगर सरकार ने जल्द कोई कारगर कदम नहीं उठाया, तो मजबूरन गत्ता उद्यमियों को उद्योेगों को बंद करना पड़ेगा। ये शब्द गत्ता उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र जैन व बीबीएन गत्ता उद्योग संघ के अध्यक्ष हेमराज चौधरी ने कहे। उन्होेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 300 से अधिक गत्ता उद्योग हैं और इन उद्योगों ने लगभग पांच हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। गत्ता उद्योगों में क्राफ्ट पेपर की एक महीने की कुल खपत 30 हजार टन है, लेकिन प्रदेश में पेपर मिल्स कुल छह हैं, जिनकी कुल प्रोडक्शन 10 हजार टन प्रति माह है। इससे उन्हें क्राफ्ट पेपर दूसरे राज्यों की पेपर मिल्स से मंगवाना पड़ता है, जो कि उन्हें काफी महंगा मिलता है और पेपर मिल्स अपनी मनमानी करते हुए इनसे मनमाने रेट वसूल करती हैं। उन्होंने कहा कि फार्मा व सभी मल्टीनेशनल यूनिट गत्ता उद्योगों को दो महीने पहले ऑर्डर करती है और उस समय के हिसाब से रेट कर लेती है, लेकिन पेपर मिल्स पिछले लगभग एक महीने में क्राफ्ट पेपर के रेट 20 प्रतिशत तक बढ़ा चुकी हैं, जिससे गत्ता उद्यमियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होेंने कहा कि अगर कंपनियों ने कारोगेटर के रेट नहीं बढ़ाए, तो इस स्थिति में गत्ता कंपनियां बंद हो जाएंगी। हिमाचल गत्ता उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र जैन व बीबीएन अध्यक्ष हेमराज ने सरकार से मांग की है कि सरकार प्रदेश में पेपर मिल्स स्थापित करे, जिसमें संघ भी उसका पूरा सहयोग करेगा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र जैन के साथ, बीबीएन ईकाई के अध्यक्ष हेमराज चौधरी, अशोक राणा, रमन अग्रवाल, सुशील सिंगला, बलराम अग्रवाल, विकास सिंगला व संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे।