साफ पानी कैसे मिल पाएगा?

-राजेश कुमार चौहान, जालंधर

कुछ समय पहले नीति आयोग की रिपोर्ट ने जो यह रिपोर्ट जारी की है कि हमारे देश में 2030 तक 40 प्रतिशत आबादी के पास पीने का साफ  पानी उपलब्ध नहीं होगा, यह काफी चिंताजनक है। मोदी सरकार ने देश के हर घर तक नल से जल की योजना का लक्ष्य निर्धांरित किया है, अगर बारिश के कम होने के कारणों पर ध्यान नहीं दिया, पानी को संभालने, नदियों को गंदा करने से बाज नहीं आए और भूजल के गिरते स्तर के लिए आज से नहीं, बल्कि अभी से ही सरकारों और आमजन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वह दिन हमारे देश के लिए भी दूर नहीं है, जब देश का हर शहर और हर गांव पीने वाले साफ  पानी की एक-एक बूंद को तरस जाएगा। ऐसे में देश के हर घर में नल तो सरकार पहुंचा भी देगी, लेकिन नल में जल नहीं होगा। यहां यह भी कहना उचित होगा कि जब देश में सूखे की स्थिति पैदा होती है तब पानी को बचाने के उपाय और तौर तरीकों की बात सरकारें, प्रशासन और लोग करने लगते है, लेकिन जब गर्मी का मौसम चला जाता है तो सभी अगली गर्मी के मौसम और सूखा पड़ने तक लंबी तान के सो जाते हैं, अगर आने वाली पीढ़ी को साफ  पानी बचा के रखना है और पानी की बूंद-बूंद को तरसना नहीं है तो सबको मन में एक प्रण लेना होगा कि हर हाल में पानी बचाना है। अगर पानी की बर्बादी को नहीं रोका गया तो फिर सरकारें भी कुछ नहीं कर सकती हैं यानी पानी की समस्या को हल करने में सरकारें भी कोई योगदान नहीं दे सकती हैं।