सीएए: विपक्षी एकता की कांग्रेसी कोशिश को झटका, ममता-माया के बाद आप का भी आज की बैठक से किनारा

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और जेएनयू हिंसा के मामले पर सत्ताधारी दल बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी एकता का दम दिखाने की कोशिश में कांग्रेस कामयाब होती नहीं दिख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष की पहल पर आज दिल्ली में विपक्षी दलों की मीटिंग होने जा रही है, लेकिन एक-एक कर कई विपक्षी पार्टियां इससे दूरी बनाने लगीं। इसके साथ ही, निगाहें नए साथी शिवसेना की ओर हैं जिसने बीजेपी की पुरानी दोस्ती तोड़ कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई है।

कांग्रेस को माया मिली, न दीदी, न ही केजरी
आज देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के प्रभावी राजनीतिक दल बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस प्रायोजित बैठक में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया। उसके कुछ देर बाद दिल्ली के सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने भी बैठक से दूरी बनाने का फैसला कर लिया। उधर, बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले ही न केवल मीटिंग से किनारा कर लिया था, बल्कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों पर सीएए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाकर गहरी नाराजगी भी जताई। खुद को मोदी सरकार के खिलाफ एक मुखर आवाज के रूप में स्थापित कर चुकीं ममता बनर्जी के मीटिंग में हिस्सा नहीं लेने के ऐलान के बाद से ही इस मीटिंग की प्रासंगिकता पर सवाल उठने लगे थे।

मायावती का कांग्रेस पर हमला
ममता की तरह माया ने भी बैठक से पहले कांग्रेस पर ही जमकर निशाना साधा। अपने ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।’