हिमाचली किसानों का अनाज बनेगा ब्रांड

हमीरपुर – हिमाचल के अनाज को ब्रांड बनाकर बाहरी राज्यों में बेचने की योजना पर काम शुरू हो गया है। हालांकि कार्य को आमलीजामा पहनाने में कुछ समय का वक्त लग सकता है। इसके लिए एक कंपनी ने कार्य शुरू किया है। कंपनी का टैग लगने के बाद हिमाचली अनाज एक ब्रांड बन जाएगा। हिमाचल के चावल, गेहूं, मक्की सहित अन्य फसल को टैग लगाकर ब्रांड के रूप में बाहरी राज्यों में बेचा जाएगा। यही नहीं, अनाज की पैकिंग पर कोड लगाने का भी प्लान है। स्कैन करते ही किसान का पूरा बायोडाटा निकल जाएगा। पता लग जाएगा कि यह अनाज हिमाचल के किस हिस्से से आया है। फिलहाल प्राथमिक चरण में कंपनी पूरी योजना तैयार कर रही है। योजना तैयार होने के बाद किसानों का अनाज उनके खेतों से ही बेहतर कीमत पर उठा लिया जाएगा। इसके बाद कंपनी इसे अपना टैग लगाकर ब्रांड के रूप में पेश करेगी। सूत्रों की मानें, तो यह कंपनी बाहरी राज्यों की कंपनी से भी टाइअप कर सकती है। बाहरी सामान के आयात के बदले हिमाचल से अनाज बाहर भेजा जा सकता है। जितनी कीमत का सामान बाहरी राज्यों की कंपनियां हिमाचल में भेजेंगी, उतनी ही कीमत का सामान यहां से ले भी जाएंगी। ऐसे में किसानों के अनाज को अच्छी कीमत मिल जाएगी, जिससे खेती के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा। बता दें कि जायका के तहत किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया गया है। हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा व मंडी में जायका के तहत किसानों ने फसल विविधिकरण को अपनाया है। अब इस पैदावार को एक ब्रांड के रूप में पेश करने की कवायद शुरू हुई है। एक नाम फर्म ने इस पर कार्य करना शुरू हुआ है। आने वाले समय में किसानों की फसल को उनके खेतों से ही उठा लिया जाएगा। अब तक किसानों की फसल को मनमानी कीमत पर बाहरी राज्यों के व्यापारी आकर ले जाते थे।