इंजीनियर्ज कालेज बिन मान्यता

एआईसीटीई के नियम पूरे न होने से डिग्री पर उठा सवाल

सुंदरनगर – अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की मान्यता के बगैर हिमाचल प्रदेश में जहां एक ओर राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज बिलासपुर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कालेज ज्यूरी भी प्रदेश सरकार की ओर से चलाया जा रहा है। हैरत में डालने वाली बात यहां पर यह है कि बिना एआईसीटीई के नॉर्म को पूरा किए बगैर उक्त इंजीनियरिंग कालेजों से डिग्री प्राप्त करने वाले इंजीनियरों को भविष्य में क्या परेशानियां पेश आएंगी, शायद ही इस बात से वह अनभिज्ञ है। सबसे ज्यादा दिक्कत एआईसीटीई के नियमों को पूरा किए बगैर डिग्री इंजीनियरिंग कालेज के इंजीनियरों को दी जाएगी। अगर प्रशिक्षु एआईसीटीई के नियमों के तहत डिग्री प्राप्त करता है, तो वह देश में ही, नहीं बल्कि विदेश में भी नौकरी कर सकता है, लेकिन यहां पर बिना एआईसीटीई के नॉर्म को पूरा किए बिना इंजीनियरिंग कालेज चलाए जा रहे हैं। महात्मा गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कालेज ज्यूरी कैंपस जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग कालेज सुंदरनगर के प्रिंसीपल एमके कपूर का कहना है कि ज्यूरी कालेज का कैंपस सुंदरनगर में चल रहा है और ज्यूरी कालेज के आधारभूत ढांचे का काम निर्माणाधीन है। यहां से डिग्रीधारक इंजीनियरों को हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर की ओर से मान्यता प्राप्त डिग्री प्राप्त होगी। एआईसीटीई के नॉर्म को पूरा करने के बाद ही आगे के इंजीनियरों को एआईसीटीई से डिग्री प्राप्त होगी। वहीं दूसरी ओर तकनीकी शिक्षा निदेशालय सुंदरनगर के निदेशक शुभकरण सिंह का कहना है कि जल्द ही राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज और राजकीय इंजीनियरिंग कालेज ज्यूरी को अपने भवन प्राप्त होंगे और एआईसीईटी की मान्यता भी मुहैया होगी। वर्ष 2021-22 तक विभाग स्वयं के भवनों में कक्षाएं चलाने के लिए प्रयासरत है। ऐसे कालेजों में दाखिल होने से पहले ही सभी युवा भलिभांति परिचित होते हैं।