उचित शिक्षा ही देश का आधार

-मनोज कुमार, धर्मशाला

आज हर माता-पिता अपनी संतान को सफल देखना चाहता है और सफलता की कसौटी को वे अधिकतर परीक्षा परिणाम से आंकते हैं। अगर किसी की केवल अंक तालिकाएं ही अच्छी होंगी और उसमें शिष्टाचार, संवेदना, अनुशासन जैसे गुणों का अभाव होगा तो उस व्यक्ति की सफलता का लाभ समाज को कितना मिल पाएगा, हम यह सोच सकते हैं। आदरणीय शिवांगी शर्मा का इस विषय पर लेख हमारे दायित्व बोध को जगाने का एक सराहनीय प्रयास है। उनको इस प्रेरणादायी लेख के लिए साधुवाद।