शिमला – एक्साइज में सरकार ने जो टारगेट मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखा था, उससे ज्यादा की कमाई होने की उम्मीद है। यही वजह है कि अगले वित्त वर्ष के लिए भी सरकार ने टारगेट को बढ़ा दिया है। मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार को शराब से कुल 1625 करोड़ रुपए की आमदनी की उम्मीद है, जबकि उसका टारगेट इससे कुछ कम था। शराब ठेकों के आबंटन के साथ नए ठेके खुलने व उनके आबंटन के अलावा बॉटलिंग प्लांट्स पर सख्ती बरतने से भी सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। टैक्स कलेक्शन को लेकर अधिकारियों को कहा गया है कि वह समय पर टैक्स की कलेक्शन को सुनिश्चित बनाएं, ताकि 31 मार्च तक टारगेट से जुड़ा पूरा पैसा सरकार को मिल जाए। शराब ठेकों के नवीनीकरण से भी सरकार को लाभ होगा, क्योंकि इससे टारगेट में बढ़ोतरी होगी, वहीं बेवजह के आबंटन की प्रक्रिया में नहीं फंसना होगा, जो शराब ठेकेदार अब आगे के लिए ठेका नहीं लेना चाहते होंगे, उन्हीं जगहों पर नीलामी की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। क्योंकि आगे के लिए उनके लाइसेंस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी सरकार कर रही है, जिससे उसे 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि हासिल होगी। कैबिनेट ने यह फैसला लेने के बाद शराब के ठेकेदारों को राहत भी दी है, जो भी यही चाहते थे कि नवीनीकरण हो जाए। इसके साथ टोल बैरियर से भी फायदा होगा। सरकार ने वैट रूल भी मंजूर कर लिए हैं और इसके तहत पुराने सालों की वैट की बकाया राशि जो मिलेगी उसे इसी साल के राजस्व रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा। यह भी सरकार की कमाई का एक बेहतर तरीका रहेगा।
संसाधन बढ़ाने होंगे
15वें वित्तायोग ने हिमाचल को अपने संसाधन बढ़ाने के लिए कहा है, तो जरूरी है कि जो टैक्स सरकार लेती है, उसे बढ़ाया जाए। सरकार द्वारा वैट की बकाया राशि से भी करोड़ों रुपए हासिल करने की योजना बनी है, जिस योजना को पहले ही मंजूरी मिल गई थी। इसके नियम अब तय किए गए हैं, जिनके मुताबिक ही डिफाल्टरों को अपना पैसा जमा करना होगा। इस स्कीम से डिफाल्टरों को बड़ा फायदा पहुंचेगा, वहीं सरकार की पुरानी राशि भी वसूल हो जाएगी।