एचपीयू में दिव्यांगों को सीटें रिजर्व

हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में एमफिल-पीएचडी करने में मिलेगा लाभ

शिमला – प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की उच्च शिक्षा की राह आसान हो गई है। एचपीयू में अब हर साल पीएचडी व एमफिल करने वाले छात्रों के लिए एक-एक सीट रिजर्व रहेगी। खास बात यह है कि हर विषय में पीएचडी व एमफिल करने के लिए यह सीट दिव्यांगों के लिए रिजर्व  रहेगी। एचपीयू प्रशासन का यह ऐतिहासिक फैसला दिव्यांग छात्रों के बहुत बड़ी राहत लेकर आया है। यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हर शैक्षणिक विभाग में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एमफिल तथा पीएचडी में हर वर्ष कम से कम एक सीट आरक्षित करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है। बता दें कि इन दिनों शोध कक्षाओं में अकादमिक सत्र 2019-20 की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। अधिसूचना के अनुसार दिव्यांग विद्यार्थियों को हर विभाग में एमफिल और पीएचडी में एक अतिरिक्त सीट उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके साथ ही विकलांगजन अधिकार अधिनियम 2017 के अंतर्गत दिए गए पांच प्रतिशत आरक्षण और उसे लागू करने के लिए रोस्टर व्यवस्था इन कक्षाओं में अब लागू नहीं की जाएगी। विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य एवं विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एमफिल तथा पीएचडी दिव्यांग विद्यार्थियों को हर विभाग में एक-एक सीट अतिरिक्त देने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। किसी भी अन्य विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में प्रतिनिधित्व देने के लिए इतना बड़ा फैसला नहीं किया गया। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार का आभार जताया। उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर 2019 को प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव द्वारा कार्यकारिणी परिषद की बैठक में यह मामला जोरदार ढंग से उठाने के बाद कुलपति ने चार सदस्यीय समिति बनाई थी। इसमें उनके अलावा यूजीसी के सदस्य प्रोफेसर नागेश ठाकुर, अधिष्ठाता योजना प्रोफेसर अरविंद कुमार भट्ट और कुलसचिव घनश्याम चंद शामिल थे।