ऑनलाइन मिलेगी मिट्टी जांच रिपोर्ट

कृषि विभाग किसानों को बताएगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना

शिमला – कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदेश के सभी विकास खंडों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के 19 फरवरी को सफलतापूर्वक पांच वर्ष पूरे होने पर मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस पूरे सप्ताह किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन के रूप जागरूक किया जाएगा। डा. राकेश कुमार कौंडल कृषि निदेशक हिमाचल प्रदेश ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना वर्ष 19 फरवरी, 2015 को प्रधानमंत्री ने देशभर मे आरंभ किया है, जिसका उद्देश्य फसलों में पोषक तत्त्वों की कमी की भरपाई, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ करना, हर किसान को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना, मिट्टी की उर्वरकता संबंधित समस्याओं इत्यादि का निवारण करना है। भारत सरकार इस योजना की प्रगति की समीक्षा ऑनलाइन मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल तथा साप्ताहिक वीडियो कान्फें्रसिंग के माध्यम से कर रही है। मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए जीपीएस प्रणाली के तहत मिट्टी के नमूने एकत्रित कर जांच की जा रही है, ताकि किसान मिट्टी परीक्षण के आधार पर खादों का संतुलित उपयोग व फसलों का चयन कर सकें। मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट किसानों को ‘मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड’ पर उपलब्ध करवाई जा रही है। यह कार्ड किसानों को निःशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। श्री कौंडल ने बताया कि उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए मिट्टी का परीक्षण अति आवश्यक है। किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में नौ चलित (मोबाइल) मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं, 11 अचल मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं व 47 मिनी प्रयोगशालाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं। इस वर्ष में इस योजना को संशोधित करके 18725 नमूने प्रत्येक खंड के एक मॉडल गांव चयनित करके सभी कृषकों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण किया गया है।