कैजुअल्टी में बैठेंगे सीएमओ

आईजीएमसी प्रशासन ने इलाज के लिए किया बड़ा फेरबदल

शिमला  – आईजीएमसी की कैजुअल्टी में इलाज पर बड़ा फेरबदल किया गया है। अब प्रदेश के  सबसे बड़े अस्पताल की कैजुअल्टी में जूनियर डाक्टर नहीं, बल्कि सीनियर डाक्टर बैठेंगे। अब रेजिडेंट डाक्टर के साथ सीएमओ को भी कैजुअल्टी में बैठना जरूरी होगा। मरीजों की शिकायत पर ये निर्देश आईजीएमसी प्रशासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं। मरीजों को यह परेशानी पेश आ रही थी कि जब भी वे कैजुअल्टी आते थे, तो उन्हें जूनियर डाक्टर से ही इलाज मिलता था। पहले ही मरीज कैजुअल्टी में बीमारी की गंभीर अवस्था में जाता है, वहीं कैजुअल्टी में मरीज को जूनियर डाक्टर के हवाले कर दिया जाता था। कैजुअल्टी में प्रदेश के दूर दराज से इलाज करवाने आए मरीज रैफर किए जाते हैं। इसमें उन्हें सीनियर डाक्टर के इलाज लेने के लिए कई बार अगले दिन ओपीडी का इंतजार करना पड़ता है। कैजुअल्टी में हर विभाग में सीनियर डाक्टरों को शनिवार से ही कैजुअल्टी में बैठना होगा। आईजीएमसी पिं्रसीपल डा. मुकुंद लाल और कार्यकारी एमएस डा. राहुल गुप्ता का कहना है कि आईजीएमसी की कैजुअल्टी में सीनियर डाक्टर मरीजों को इलाज देंगे। आईजीएमसी की कैजुअल्टी में मरीजों के अांकड़ों पर गौर करें, तो प्रति दिन दो सौ से अधिक मरीज इलाज करवाने आ जाते हैं, जिसमें 60 फीसदी मरीज की हालत काफी गंभीर बनी रहती है। ये मामले रेफर होकर अस्पताल आते हैं। पहले कैजुअल्टी में सीनियर डाक्टर्स को ऑनकॉल बुलाया जाता था, कई बार डाक्टर को वार्ड से कैजुअल्टी पहुंचने में देरी हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और मरीज को सीधे ही कैजुअल्टी में सीनियर डाक्टर से इलाज मिल पाएगा।