कैनोइंग चैंपियनशिप के लिए जज बनी बिल्किस

बिल्किस मीर ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। उन्हें अगले महीने होने जा रही एशियन कैनोइंग स्प्रिंट चैंपियनशिप के लिए जज चुना गया है। ये खेल 26 मार्च, से थाईलैंड के पट्टाया में होंगे। मीर 2010 से 2015 तक भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग टीम की कोच रही हैं। 33 साल की बिल्किस मीर इन खेलों में वाटर स्पोर्ट्स की जज होंगी। एशियन कैनोइंग स्प्रिंट चैंपियनशिप 18जी इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसके जरिए खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल करेंगे। यह एक तरह से ओलंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट भी है। बिल्किस मीर का सपना है कि वे कश्मीर और देश के वाटर स्पोर्ट्स खिलाडि़यों को दुनिया के नक्शे पर जगह दिला पाएं। बिल्किस इस पद पर चुने जाने पर गर्व महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इसके जरिए न सिर्फ जम्मू कश्मीर बल्कि देश का नाम रोशन करने का मौका मिल रहा है। बिल्किस मीर ने बताया कि उन्होंने 1996 में कयाकिंग और कैनोइंग शुरू की। नेशनल वाटर स्पोर्ट्स में 10 वर्षों के लिए जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया है। साल 2009 में हंगरी में कयाकिंग और कैनोइंग में स्प्रिंट रेसिंग वर्ल्ड कप में भारत की पहली महिला प्रतिभागी बनीं। मीर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक 6 गोल्ड सहित 16 पदक जीत चुकी हैं। बिल्किस का माना है कि वे डल झील की वजह से वाटर स्पोर्ट्स में जा सकी।  उन्होंने कहा, अगर डल झील नहीं होती तो शायद बिल्किस भी नहीं होती। मैंने 1998 में वाटर स्पोर्ट्स में कदम रखा। तब इसकी तरफ  इतना ध्यान नहीं दिया जाता था। आज सरकार इसकी तरफ  पूरा ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री स्पोर्ट्स पैकेज में से इस खेल को 7 करोड़ रुपए दिए गए हैं क्योंकि सरकार को भी लगा कि इस खेल में हुनर हैं।  कश्मीर यूनिवर्सिटी से बीए उत्तीर्ण करने के उपरांत वह अब तक एक दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा साबित कर चुकी हैं।  नेशनल टीम की महिला कोच बनने वाली वह राज्य की पहली महिला खिलाड़ी हैं।  वह हंगरी में वर्ष 2009 में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कयाकिंग और केनोइंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। इसी के साथ वह अंतरराष्ट्रीय रेफरी पैनल में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।  हंगरी के सिम्मील्विस यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट ऑफ  कोचिंग एंड स्पोर्ट्स एजुकेशन से अंतरराष्ट्रीय कोचिंग डिप्लोमा करने वाली वह भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।